भोपाल,मंदसौर में 6 जून को किसान आंदोलन पर हुए पुलिस गोली चालान में शहीद किसानों को श्रद्धांजलि देने तथा प्रदेश में 1 जून से चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देने देशभर के किसान संगठनों के नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, छात्रनेता 11 जून को रतलाम पहुचेगें, जिनमें जनआंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय के नेत्री मेघा पाटकर, जयकिसान आंदोलन के योगेन्द्र यादव, अविक शाहा बंधुआमुक्ति मोर्चा के स्वामी अग्निवेश, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के बी.एम. सिंह, पश्चिम ओडिसा कृषक संगठन के लिंगराज, किसान सघंर्ष समिति एवं भूमि अधिकार आंदोलन के पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम् अखिल भारतीय किसान सभा के जसविन्दर सिंह, विचार म.प्र. के पूर्व विधायक गिरजाशंकर शर्मा, जे.एन.यु. छात्रसंघ के अध्यक्ष मोहित पांडे, राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के जिगनेश मेवानी, सहित अन्य संगठनों के नेतागण शामिल होगे।
नेतागण रतलाम प्रेस क्लब में सुबह 10 बजे प्रेसवार्ता करने के बाद श्रद्धांजलि सभा में शामिल होगें। नेतागण म.प्र. में चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कर्जा माफी, बिजली बिल माफी, किसानों की न्यूतम आय सुनिश्चत करने, स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशो को लागू करने, सभी कृषि उत्पादों का समर्थन मूल्य तय कर सम्पूर्ण उत्पाद की खरीद, आनावरी एवं फसल बीमा तय करने कि इकाई, किसान का खेत तय करने, मंदसौर गोली चालन की उच्च न्यायालय के न्यायधीश से जांच कराने, दोषी पुलिस अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने, प्रदेश में किसान आंदोलन के दौरान दर्ज किये गये फर्जी मुकदमों को वापस लेने संबंधित मांगो को लेकर अपने विचार किसानों साथ साझा करेगें।
उक्त जानकारी देते हुए डॉ. सुनीलम्, लोहिया विचार मंच के रामबाबू अग्रवाल, रामस्वरूप मंत्री ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि 12 जनवरी 1988 को मुलताई के किसान आंदोलन पर हुए गोली चालन से म.प्र. सरकार ने कोई सबक नही सीखा है। मुलताई गोलीकांड में 24 किसान शहीद हुए थे, 150 किसानो का गोली लगी थी तब सरकार ने न्यायिक आयोग का गठन किया था जिसमें यह निष्कर्ष निकाला था कि गोलीकांड प्रशासनिक, पुलिस अधिकारियों और किसान आंदोलन के नेताओं के बीच सवांदहीनता प्रमुख कराण था लेकिन मंदसौर में भी अधिकारियों द्वारा संवाद की जगह पुलिस दमन का रास्ता अपनाया गया। भजपा सरकार ने किसान आंदोलन को कुचलने के लिए गोली चालन का सहरा लिया मुलताई गोली चलान के बाद पुलिस ने 250 किसानों पर 67 फर्जी मुकदमें दर्ज किये थे, उसी तरह मंदसौर, रतलाम, उज्जैन, धार सहित किसान आंदोलन के प्रभाव क्षेत्र में सेकडो किसानों पर दसीयों मुकदमें दर्ज किये गए है। नेताओं ने प्रदेश सरकार से तुरन्त कर्जा माफी की घोषणा करने की मांग की।