नई दिल्ली,केन्द्र की मोदी सरकार महिलाओं के सशक्तिकारण की दिशा में एक ओर कदम बढ़ने का काम कर रही है। इस पहल के तहत ग्रामीण भारत में सार्वजनिक परिवहन में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार नई और अनोखी पहल करने जा रही है। प्रधानमंत्री ग्रामीण परिवार योजना में महिलाओं के स्व-सहायता समूह को शामिल करने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि यह योजना इस साल 15 अगस्त को शुरू होगी। ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव अमरजीत सिन्हा ने कहा कि यह योजना पहले 250 ब्लाकों में लागू की जाएगी, जिसमें वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इलाके भी शामिल हैं। इसके तहत एसएचजी को बिना ब्याज के लोन मुहैया कराया जाएगा और इसकी महिला सदस्यों को 10 से 12 यात्रियों की क्षमता वाली मिनी बस चलाने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। सिन्हा ने कहा कि अंततŠ इस योजना का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि पूरे पांच लाख किलोमीटर की ग्रामीण सड़कों पर किसी न किसी तरह के सार्वजनिक परिवहन को चलाया जाए। देशभर में 32 लाख एसएचजी हैं, जिसमें करीब 3.8 करोड़ महिला सदस्य जुड़ी हैं। इनमें से कई महिलाएं इस योजना में शामिल होंगी और उन ग्रामीण इलाकों में सार्वजनिक परिवहन का संचालन करेंगी, जहां फिलहाल यह सुविधा उपलब्ध नहीं हैं।
यहां वर्तमान में बड़े पैमाने पर कोई सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध नहीं है क्योंकि यह वाणिज्यिक रूप से व्यवहार्य नहीं है। सिन्हा ने कहा कि 8 से 12 लाख रुपए में खरीदे गए 10-12 सीटर वाहनों का उपयोग स्थानीय लोगों के साथ-साथ पोल्ट्री और कृषि उत्पादों को परिवहन के लिए भी किया जा सकता है।