बालाघाट, मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में एक पटाखा फैक्ट्री में धमाके के साथ भीषण आग से 26 मजदूरों की मौत हो गई। हादसे में लगभग 10 लोग घायल भी हुए हैं, जिनमें से छह की हालत गंभीर है। मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। प्रारंभिक सूचना के आधार पर, आग से केवल तीन मजदूरों को जिंदा बचाया गया है। एक जानकारी के अनुसार, फैक्ट्री में उस समय 47 मजदूर काम कर रहे थे। कलेक्टर भरत यादव ने छह लोगों की मौत की पुष्टि की है।
जानकारी के अनुसार, खैरी स्थित वारसी स्थाई पटाखा फैक्ट्री में यह दुर्घटना बुधवार दिन में हुई। आग इतनी भीषण थी कि देखते ही देखते उसमें मजदूर जिंदा जल गए। आग में 40 से 45 मजदूरों के फंसे होने की आशंका जताई गई है। आग पर काबू पाने के लिए दमकलें मौके पर पहुंच गई। आग बुझाने के प्रयास के दौरान भी फैक्ट्री में धमाके होते रहे, जिससे आग पर काबू पाने में दमकलकर्मियों को कड़ी मशक्कत करना पड़ रही है। अभी तक फैक्ट्री में घटना के समय काम करने वाले मजदूरों की आधिकारिक संख्या का पता नहीं चल पाया है। इस फैक्ट्री में काम करने वाले सभी मजदूर भरवेली खैरी और भटेरा गांव के निवासी है। आग पर काबू पाने और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
महिला ने दी लोगों को जानकारी
फैक्ट्री में काम करने वाली रेखा हादसे में घायल हुई है। वह घायल हालत में गांव पहुंची और स्थानीय लोगों को हादसे की खबर दी। इसके बाद गांव वाले और स्थानीय प्रशासन तत्काल मदद को पहुंचे।
गैरकानूनी थी फैक्ट्री?
जानकारी के मुताबिक, खैरी में काफी वक्त से गैरकानूनी पटाखा फैक्ट्री चल रही थी। दोपहर 3:00 बजे के आसपास फैक्ट्री में धमाका हुआ। इसके बाद आग ने भीषण रूप धारण कर लिया।
धमाकों से कांप गए लोग
फैक्ट्री में धमाके के साथ भीषण आग ने चारों तरफ हाहाकार मचा दिया। फैक्ट्री और आसपास के क्षेत्र में अफरातफरी का आलम था। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे।
आग के कारणों का पता नहीं
फैक्ट्री में आग कैसे लगी इस बारे में अभी तक कारण का पता नहीं चल पाया है।
किनारपुर में भी लगी थी आग
बालाघाट जिले के किनारपुर में 2015 में भी एक अवैध फटाका फैक्ट्री में धमाका हुआ था। तब तीन मजदूरों की मौत हो गई थी। इस हादसे में दर्जनभर से अधिक मजदूर घायल भी हुए थे।