नई दिल्ली, किसी भी मैंच में कहा जाता हैं कि मैंच में टॉस की बड़ी भूमिका रहने वाली है, इसके पीछे वजह कई हो सकती है।वर्तमान में चल रही चैंपियंस ट्रॉफी के हर मैच में बारिश अपना खेल बखूबी खेल रही है जिसके बाद टॉस की भूमिका बेहद अहम हो जाती है। भारत और श्रीलंका के बीच होने वाले इस मैच में भी टॉस की भूमिका बेहद अहम हो सकती है, द ओवल में भारत और श्रीलंका के बीच होने वाले इस मुकाबले में बारिश जरूर कुछ अड़ंगा लगा सकती है। ऐसी सूरत में दोनों ही टीमों को एक खास रणनीति के तहत मैदान पर उतरना होगा, यहां फिर टॉस की भूमिका बेहद अहम होगी, टीमें टॉस जीतकर क्या करना चाहेंगी ये तो उनकी रणनीति और कंडीशन पर डिपेंड करेगा, लेकिन इसके उल्टे पिछले दो सालों में भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करे या बाद में, उसका प्रदर्शन शानदार रहा है,इसलिए कह सकते हैं कि विराट कोहली को शायद इस बात की चिंता नहीं होगी कि टॉस में हार मिलती हैं यहां फिर जीत।
पिछले दो सालों की बात की जाए तो टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 13 मैच में से 9 में जीत दर्ज की है और चार में हार उसका जीत का प्रतिशत 69.23 रहा है, वहीं श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 21 मुकाबले खेले हैं जिसमें एंजलो मैथ्यूज की टीम को 6 में जीत मिली और 12 में हार, दो मुकाबलों का कोई नतीजा नहीं निकला और एक टाई रहा। श्रीलंकाई टीम का जीत का प्रतिशत रहा 28.57 प्रतिशत भारतीय टीम ने पिछले दो सालों में 28 वनडे मुकाबले खेले, जिसमें उसे 16 में जीत और 12 में हार मिली, इस तरह टीम इंडिया की जीत का प्रतिशत 57.14 का रहा।
दूसरी बार बल्लेबाजी करते समय भारत ने 15 मैच खेले जिसमें उसे 7 में जीत और 8 में हार मिली और जीत का प्रतिशत 46.66 का रहा, वहीं श्रीलंका ने दूसरी बार बल्लेबाजी करते हुए 18 मैच खेले, जिसमें उसे सात में जीत और नौ में हार मिली जबकि, दो मुकाबलों का कोई नतीजा नहीं निकला। लंकाई टीम का जीत का प्रतिशत 38.89 का रहा, पिछले दो सालों में श्रीलंका ने 39 वनडे मैच खेले जिसमें उसे 13 में जीत और 21 में हार मिली। चार मुकाबलों का कोई नतीजा नहीं निकला, एक टाई रहा, जीत का प्रतिशत श्रीलंका का 33.33 का रहा, टीम इंडिया हर मुकाबले में श्रीलंका से बेहतर दिखाई दे रही है, और उसकी कोशिश होगी इस मुकाबले को जीतकर अपनी स्थिति को मजबूत करने की।इसके बाद साफ हो जाता हैं कि विराट को टॉस की ज्यादा भरोसा अपने खिलाड़ियों पर होता है।