उज्जैन/इन्दौर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आज उज्जैन में चर्चा के बाद भारतीय किसान संघ के शिवकांत दीक्षित ने घोषणा की कि सरकार द्वारा उनकी सारी बातें मान ली जाने पर आंदोलन को स्थगित किया जाता है।
मुख्यमंत्री चौहान ने भारतीय किसान संघ से चर्चा के तुरंत बाद घोषणा की कि किसान कृषि उपज मंडी में जो उत्पाद बेचते हैं, उनका 50% उन्हें अब नकद भुगतान प्राप्त होगा तथा 50% से मिलेगा। गर्मी की मूंग की फसल को सरकार समर्थन मूल्य पर खरीदेगी। किसानों का प्याज 8 रुपए प्रति किलो भाव पर सरकार खरीदेगी। यह खरीदी तीन-चार दिन में चालू हो जाएगी तथा जून के अंत तक चलेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सब्जी मंडियों में किसानों को ज्यादा आढ़त देनी पड़ती है। इसे रोकने के लिए सब्जी मंडियों को मंडी अधिनियम के दायरे में लाया जाएगा। फसल बीमा योजना को ऐच्छिक बनाया जाएगा। नगर एवं ग्राम निवेश एक्ट में जो भी किसान विरोधी प्रावधान होंगे, उन्हें हटाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि किसानों पर इस आंदोलन के दौरान जो प्रकरण बने हैं, उन्हें समाप्त किया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार किसान हितैषी सरकार है। मध्यप्रदेश सरकार पहली ऐसी सरकार है जिसने किसानों को पहले 16-17 प्रतिशत ब्याज दर पर मिलने वाले कृषि ऋणों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर देने की व्यवस्था की। यही नहीं सरकार ने व्यवस्था की है कि एक लाख का कृषि ऋण लेने वाले किसानों को महज ९० हजार ही अदा करने होंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि न केवल बिना ब्याज के कृषि ऋण बल्कि राज्य सरकार ने पिछले 11 वर्ष में किसानों और खेती-किसानी के हक में जो फैसले लिये वे देश ही नहीं पूरे विश्व में उदाहरण बने।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खाद की किल्लत को दूर करने के लिये खाद का अग्रिम भण्डारण, खेत तालाब योजना, मुख्यमंत्री खेत तीर्थ योजना, हलधर योजना, मेरा खेत मेरी माटी योजना, खाद्य प्र-संस्करण, कृषि यंत्रीकरण को प्रोत्साहन देने के लिये देश में सबसे ज्यादा अनुदान और प्रोत्साहन की योजना, फसल बीमा का सफल क्रियान्वयन और कृषि सहयोगी मत्स्य पालन, पशुपालन, उद्यानिकी फसलों की खेती को बढ़ावा, रेशम पालन, बाँस उत्पादन, लाख उत्पादन, समर्थन मूल्य पर अतिरिक्त बोनस राशि देकर गेहूँ और अन्य खाद्यान्नों की खरीदी, सरकार के ऐसे प्रयास रहे हैं, जो सर्वथा किसान हितैषी रहे हैं।