रायसेन,सितंबर २०१२ में सलामतपुर के पास अंतरराष्ट्रीय सांची बौद्ध विश्वविद्यालय की आधारशिला रखे जाने के दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति और भूटान के प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मिलकर श्रीलंका से लाए गए बोधिवृक्ष को लगया था। समय के साथ इन पांच सालों में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध विवि का सपना तो ग्राम बारला में बनी सांची यूनिवर्सिटी में सिमटकर रह गया लेकिन तब से लेकर अब तक इस पेड़ की सुरक्षा होमगार्ड के जवान कर रहे है। शुरुआती ३ साल तक बंदूकधारी १-४ की गार्ड यहां रहे और अब १-२ की गार्ड यहां २४ घंटे डयूटी करते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन ६० महीनों में बोधिवृक्ष की सुरक्षा कर रहे होमगार्ड के जवान खुद यहां कितने असुरक्षित हैं, इस पर किसी जिम्मेदार ने उनकी सुध नहीं ली है। इन दिनों ४६ डिग्री तापमान में टीन के बने एक कमरे में रह रहे होमगार्ड के तीन सैनिक क्रमश: केशव सिंह, परमेश्वर तिवारी और फूल सिंह इस पेड़ की सुरक्षा की जिम्मेदारी तो बखूबी निभा रहे हैं, लेकिन बिजली-पानी के भी टोटे में जंगली जानवरों के भय में यह खुद कितने सुरक्षित है यह जानना किसी ने जरूरी नहीं समझा है। पहले दिन जिस गर्मी के साथ नौतपा की शुरुआत हुई थी, विदा होते-होते मौसम ठंडा हो चला है। अब तक नौतपा के ८ दिन निकल चुके हैं, लेकिन नौतपा का वास्तविक असर सिर्फ चार दिन ही देखने मिला, जब तापमान ४२ डिग्री से ऊपर रहा। बाकी चार दिन तापमान ४० डिग्री से नीचे रहा बना रहा, जिससे नौतपा के मिजाज अनुसार गर्मी नहीं रही। वहीं तीन से चार दिन अलग-अलग क्षेत्रों में बूंदा-बांदी और बारिश भी हुई है। इस बार नौतपा का मिजाज अपने प्रकृति के अनुसार नहीं रहा। जैसा माना जाता है कि नौतपा में गर्मी अपने चरम पर रहती है, इस बार वैसा मौसम देखने नहीं मिला है।
चिलचिलाती गर्मी में भी पेड़ की सुरक्षा में डटे जवान
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