बेरूत, उत्तरी सीरिया में बिजली की समस्या से निपटने के लिए एक अस्पताल ने सोलर लाइट्स की मदद ली है। बताया जाता है कि सीरिया के विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके में बिजली की भारी किल्लत का सामना करना पड़ता है। हवाई हमले के कारण बिजली की आपूर्ति सही से नहीं हो पाती है। बिजली के लिए जेनरेटर्स का सहारा लिया जाता है, जिसमें इस्तेमाल होने वाला ईंधन काफी महंगा होता है और वह भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होता है। चैरिटी संस्थान यूनियन ऑफ मेडिकल केयर और रिलीफ ऑर्गनाइजेशन (यूओएसएसएम) ने अस्पतालों में बिजली आपूर्ति के लिए अपना नया सोलर प्रॉजेक्ट लॉन्च किया है। यूओएसएसएम ने दिसंबर से अब तक विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाको में एक बड़े अस्पताल में ४८० सोलर पैनल्स स्थापित किए हैं। चैरिटी संस्था ने इस भय से अस्पताल का लोकेशन नहीं बताया है कि कहीं इसे निशाना न बनाया जाए।
यूओएसएसएम के सीरिया सोलर प्रॉजेक्ट का निर्देशन करने वाले तारिक मकदिसी ने बताया कि हमारा लक्ष्य ऐसा सोलर एनर्जी सिस्टम लगाना था जिससे सीरिया के इमर्जेंसी अस्पतालों को साफ, भरोसेमंद और सस्ती बिजली मुहैया हो सके। इन अस्पतालों में अब बिजली संकट के कारण किसी मरीज को नुकसान नहीं पहुंचेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सीरिया को हेल्थ वर्कर्स के लिए दुनिया का सबसे खतरनाक स्थान बताया है। छह साल से चले रहे युद्ध के दौरान सैकड़ों अस्पतालों और क्लिनिक्स को निशाना बनाया गया है। पिछले साल अगस्त में हुए हमले में चार नवजात शिशु की मौत हो गई थी। विद्रोहियों ने उनके इन्क्यूबेटर्स की ऑक्सिजन सप्लाई को अवरुद्ध कर दिया था। मेडिकल वर्कर्स के मुताबिक अकेले पिछले महीने में इंदलिब के उत्तर पश्चिमी प्रांत में सात अस्पतालों और क्लिनिकों को हवाई हमले में तबाह कर दिया गया था।