जीका वायरस के तीन मामले सामने आए, डब्ल्यूएचओ ने की पुष्टि

अहमदाबाद, देश में पहली बार अहमदाबाद में जीका वायरस के तीन मामले सामने से आने से हड़कम्प मच गया है. भारत में पहली दफा खतरनाक माना जाता जीका वायरस सामने आया है. जिसका विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी पुष्टि की है.
जीका वायरस के ये तीनों मामले पूर्वी अहमदाबाद के बापूनगर क्षेत्र में दर्ज हुए हैं. जानकारी के मुताबिक जीका और डेंगू के लक्षण एक जैसे हैं, जिसके फैलने की आशंका है. एएफआई द्वारा १० से १६ फरवरी के दौरान बीजे मेडिकल कॉलेज से लहू के ९३ सैंपल लिए गए थे, जिसमें से ६४ वर्षीय पुरुष को जीका वायरस होने का खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक जीका वायरस का यह पहला मामला था. अहमदाबाद की ३४ वर्षीय महिला को बच्ची को जन्म देने के बाद लगातार बुखार के चलते बीजे मेडिकल कॉलेज में डेंगू की रिपोर्ट निकलवाई गई थी. जिसमें आरटीपीसीआर पॉजिटिव आने पर जीका वायरस होने का खुलासा हुआ था. इस साल ६ से १२ जनवरी के दौरान जांच के लिए १११ लहू के सैंपल लिए गए थे, जिसमें एक २२ वर्षीय गर्भवती महिला के जीका वायरस पॉजिटिव होने का पता चला था. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक सबसे पहले अहमदाबाद की बीजे मेडिकल कॉलेज में किए गए आरटीपीपीआर टेस्ट में ये तीनों मामले जीका वायरस के होने का खुलासा हुआ था. विशेषज्ञों का मानना है कि इस जीका वायरस से लोगों को भयभीत होने की जरूरत नहीं है, लेकिन इस मामले में लापरवाही भी ठीक नहीं है.
कई देशों को अपनी चपेट में ले चुका जीका वायरस एक ग्लोबल खतरा बनता जा रहा है, इसके खतरे का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि अकेले ब्राजील में १५ लाख लोग इस वायरस के खतरे के दायरे में हैं. जीका एक ऐसा वायरस है जो एडीज, एजिप्टी और अन्य मच्छरों से फैलता है, जो चिकनगुनिया और डेंगू भी फैलाता है. इसके लक्षण में बुखार, जोड़ों का दर्द, शरीर पर लाल चकते, थकान, सिर दर्द और आंखों का लाल होना शामिल है. यह वायरस सबसे पहले अफ्रीका और दक्षिण एशिया के कुछ देशों में मिला था और इसकी अभी तक कोई दवाई मौजूद नहीं है. अकेले अमेरिका में ४० लोग इस खतरे में जिंदगी बिता रहे हैं और २३ देशों में लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. इसका फैलाव ब्राजील समेत कई दक्षिण अमेरिका देशों में हो चुका है.

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