इस्लामाबाद,सउदी अरब की राजधानी रियाद में पाकिस्तान को बहुत बड़ा झटका लगा है। इस झटके को पाकिस्तानी मीडिया पचा नहीं पा रहा है। आतंकवाद से मुकाबले विषय पर हुए अमेरिकन-इस्लामिक सम्मेलन में में नवाज शरीफ को बोलने का मौका नहीं मिला। अब पाकिस्तानी मीडिया ने इसे देश का अपमान बताया है। बता दें कि २१ मई को हुई इस समिट में पाक समेत दुनिया के तमाम इस्लामिक देश शामिल हुए थे। डोनाल्ड ट्रम्प भी इसमें पहुंचे थे। द डेली टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, काउंटर टेररिम पर अमेरिकन-इस्लामिक समिट में पीएम के बोलने पर प्रभावी ढंग से रोक लगाई गई, ये पाकिस्तान का अपमान है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि क्षेत्रीय अस्थिरता और आतंकवाद से पीड़ित देशों के तौर पर पाकिस्तान को अपना पक्ष रखने का कोई मौका नहीं दिया गया। पाक मीडिया ने इस पर भी अपना गुस्सा जाहिर किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी स्पीच में आतंकवाद से पीड़ित देशों में भारत का तो नाम लिया, लेकिन पाकिस्तान को नजरअंदाज कर दिया। डेली टाइम्स ने कहा कि रियाद में किसी को भी इसमें दिलचस्पी नहीं था कि पाकिस्तान क्या कहना चाहता है? ऐसा संभव भी था क्योंकि वे सब कुछ पहले ही सुन चुके थे। नवाज को भी इसमें कोई शक नहीं होना चाहिए। ट्रम्प ने आतंकवाद पीड़ित के तौर पर भारत का नाम लिया, लेकिन पाक का जिक्र तक नहीं किया। ट्रम्प की क्रिप्ट किसी थके हुए प्रेसिडेंट जैसी नहीं थी, इस्लामाबाद के लिए ये इस बात का इशारा था कि अमेरिका आज साउथ एशिया की शक्ति असंतुलन में किस तरफ है। द नेशन में च्फ्रंटलाइन स्टेट मॉर्टिफाइड एट एंटी-टेरर समिट’ टाइटल से पब्लिश एक आर्टिकल में रियाद समिट को पाकिस्तान के लिए एक डिजास्टर बताया गया है। आर्टिकल के मुताबिक पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने ६ हजार से यादा जवानों और ७० हजार से यादा सिविलियंस को खो चुका है, इसके बावजूद ट्रम्प ने एक बार भी पाक का जिक्र नहीं किया। आर्टिकल में कहा गया है कि हालांकि ट्रम्प-शरीफ की मीटिंग की कोई संभावना नहीं थी, फिर भी पाक के फॉरेन ऑफिस ने इसे लेकर हाइप क्रिएट किया। शरीफ और ट्रम्प का थोड़ी ही देर के लिए आमना-सामना हुआ।
नवाज ने तो प्रेक्टिस भी की थी
इससे पहले, द नेशन ने मंगलवार को कहा था कि नवाज जब रियाद के लिए रवाना हुए तो अपने प्लेन में समिट में दी जाने वाली स्पीच की रिहर्सल करते रहे, लेकिन हद तो तब हो गई जब कई छोटे इस्लामिक मुल्कों के हेड ऑफ द स्टेट को तो बोलने का मौका दिया गया, लेकिन शरीफ को नहीं। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के चीफ इमरान खान ने मंगलवार को कहा था, नवाज रियाद में क्या करने गए थे। ट्रम्प ने उनसे बातचीच करना तो दूर, हाथ मिलाना भी मुनासिब नहीं समझा। ये मुल्क की बेइजती नहीं तो और क्या है? अमेरिका भेदभाव कर रहा है, इससे हमें तकलीफ हुई है। पाकिस्तान के लोग बहुत निराश हैं।