लखनऊ,उप्र के सहारनपुर जिले में जारी जातीय संघर्ष भले ही सूबे में सत्तारूढ़ योगी आदित्यनाथ सरकार को नहीं भा रहा हो लेकिन यह घटना विपक्ष को सरकार पर हमला करने के लिए एक मुफीद मौका और हथियार मिल गया है। जिसके बाद विपक्ष योगी सरकार पर खासा हमलावर हो चला है और उधर सरकार इस मुद्दे पर बैकफुट पर खड़ी साफ दिखायी दे रही है। इस बीच प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने पूरे मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
विदित हो कि सहारनपुर जिला लगातार जातीय संघर्ष के चलते हिंसाग्रस्त है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शांति की अपील तथा उपद्रवियों के खिलाफ कडी कार्रवाई की चेतावनी के बावजूद मामला थमता नजर नहीं आ रहा है। अभी भी सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव और उसके आसपास इलाके में अभी भी तनाव बरकरार है। उधर, सहारनपुर की घटनाओं को लेकर आक्रामक विपक्ष आक्रामक हो चला है। विधानसभा में नेता विरोधी दल रामगोविंद चैधरी ने पूरी घटना की जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराने की मांग की है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के लोग दलितों को उत्पीड़ित और परेशान कर रहे हैं। भाजपा जबरन दलितों को अपने पक्ष में करना चाहती है। श्री चैधरी ने कहा कि भाजपा साम्प्रदायिक और जातीय दंगे कराकर २०१९ का चुनाव जीतना चाहती है। सहारनपुर में हुए संघर्ष में वह और उनकी पार्टी दलितों के साथ है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की विडम्बना है कि किसी नेता की मीटिंग से लौट रहे निहत्थे लोगों पर तलवार और बन्दूक का खुलेआम इस्तेमाल किया जाये।
उधर, प्रदेश कांग्रेस ने सहारनपुर में जातीय हिंसा में मारे गये निर्दोष लोगों के परिजनों को सरकार २५-२५ लाख रूपये एवं गंभीर रूप से घायलों को पांच-पांच लाख रूपये तथा घायलों को एक-एक लाख रूपये आर्थिक मुआवजा देने की मांग की है। साथ ही पार्टी के प्रवक्ता अरूण प्रकाश सिंह ने आरोप लगाया है कि जबसे देश में नरेन्द्र मोदी एवं प्रदेश में आदित्यनाथ योगी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकारें बनी हैं तबसे यह सरकारें जाति, पंथ और मजहब के हिसाब से भेदभाव कर रही है। विशेषकर दलितों एवं कमजोर वर्गों पर अत्याचार बढ़े हैं। वहीं दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी के विधानमण्डल दल के नेता लालजी वर्मा, वरिष्ठ नेता राम अचल राजभर, सतीष चन्द्र मिश्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इसी मुद्दे पर मिलकर चर्चा की। बसपा नेताओं ने दोषियो के खिलाफ कार्रवाई करने एवं मृतकों को पांच लाख रूपए का मुआवजा देने की भी मांग की है।
उधर, इस प्रकरण में योगी सरकार का बचाव करते हुए भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि च्च्सब का साथ सब का विकासज्ज् का नारा विपक्षी दलों को अच्छा नहीं लग रहा है। इसलिए, माहौल को खराब करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस घटना के दोषी व्यक्तियों को चिन्ह्ति कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस सम्बन्ध में जो लापरवाही हुई है, उससे सम्बन्धित अधिकारियों को दण्डित किया जाएगा। वहीं काबीना मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि नई सरकार के उपलब्धियों से भरे दो महीने के कार्यकाल को विपक्षी पचा नहीं पा रहे हैं। करारी हार से निराश विपक्ष षड्यंत्रकारी गतिविधियों में लग गया है। सरकार विपक्ष के इस प्रकार के षड्यंत्रों और नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने देगी एवं जल्द ही ऐसे षड्यंत्रकारियों के चेहरे से नकाब उतारेगी।