भोपाल, राज्य सरकार करीब सवा सौ साल पहले बने पुल-पुलिया व रपटे तोड़कर फिर से निर्माण कराएगी। राज मार्ग और मुख्य जिला मार्ग के ४०१ पुल, पुलिया और रपटे चिन्हित किए हैं। जिन्हें तोड़कर अगले चार साल में नए पुल बनाए जाएंगे। इसके लिए सरकार न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) से १७२५ करोड़ रुपए कर्ज ले रही है। इसी साल अक्टूबर से पुलों का निर्माण शुरू होगा। प्रदेश की ११० सड़कों पर स्थित ये पुल, पुलिया और रपटे ५० से सवा सौ साल पुराने हैं। ईंट और पत्थरों को चुनकर बनाए गए ये पुल अपनी औसत उम्र पूरी कर चुके हैं, इस कारण ये सुरक्षित नहीं रहे हैं। इनकी चौड़ाई भी कम है और इन पर यातायात का दबाव लगातार बढ़ रहा है। पुल निर्माण के लिए टेंडर की प्रक्रिया जून में शुरू होने की संभावना है। विभाग की पूरी तैयारी है। बैंक से प्रस्ताव को औपचारिक मंजूरी मिलते ही विभाग टेंडर प्रक्रिया शुरू कर देगा।
लोक निर्माण विभाग ने नेशनल पार्क, अभयारण्यों में स्थित ७२ पुल, पुलिया और रपटों को प्रस्ताव में शामिल नहीं किया है। इनके निर्माण में वाइल्ड लाइफ बोर्ड की मंजूरी चाहिए। अफसरों को लगता है कि इनकी वजह से पूरी प्रक्रिया रुक जाएगी, इसलिए इनका प्रस्ताव अलग से जाएगा। नेशनल हाईवे पर स्थित २० पुल, पुलिया हाईवे अथॉरिटी को सौंप दिए हैं। जिन पुलों को फिर निर्माण किया जाना है उनमें गंजबासौदा से सिरोंज मार्ग स्थित बेतवा नदी पर बने करीब सवा सौ साल पुराने पुल को तोड़कर नया बनाया जाएगा। भोपाल-चिकलोद रोड पर तिलेंडी गांव के नजदीक करीब ५० साल पुराने पुल को तोड़कर नया बनाया जाएगा। ये रास्ता नेशनल हाईवे-१२ का शॉर्टकट है।इंदौर-देपालपुर स्थित मुरखेड़ा नाले और सिटी रिंग रोड पर बंगाली स्क्वयर के नजदीक बना पुल फिर से बनेगा।रीवा में स्टेट हाईवे-१८ पर स्थित जोज नाले पर बना पुल फिर से बनेगा। ग्वालियर जिले में मकोड़ा करयावती सखनी रोड स्थित पार्वती नदी पर बने पुल को फिर से बनाया जाएगा। इस बारे में लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता अखिलेश अग्रवाल का कहना है कि पुलों के निर्माण के लिए एनडीबी से कर्ज ले रहे हैं। बैंक की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। कर्ज मंजूरी के संकेत भी मिले हैं। राशि मिलते ही काम शुरू कर देंगे। चार साल में सभी पुल तैयार करने का लक्ष्य है।