बिलासपुर,छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय, रायपुर द्वारा १७.१२.२०११ को विज्ञापन प्रकाशित कर पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर के रिक्त ५६३ पदों पर भर्ती हेतु प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की गई थी। उक्त भर्ती परीक्षा में अनुसूचित जनजाति महिला वर्ग की उम्मीदवार कु.दुर्गा धु्रव को चयन से वंचित किये जाने से क्षुब्ध होकर कु.दुर्गा धु्रव द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। अधिवक्ता द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्वस प्रस्तुत किया गया कि उक्त भर्ती परीक्षा में अनुसूचित जनजाति महिला वर्ग हेतु कुल ११ पद आरक्षित थे, एसटी वर्ग की एक महिला उम्मीदवार अमृता कुंजाम का सिविल जज परीक्षा में चयन हो जाने पर उसके रिक्त पद पर एसटी वर्ग के पुरुष उम्मीदवार मकरध्वज प्रधान को नियुक्ति दे दी गई। जबकि छ.ग.सिविल सेवा महिलाओं के लिए आरक्षण नियम १९९७ के तहत यदि किसी आरक्षित वर्ग की महिला उम्मीदवार का पद रिक्त होता है तो उस रिक्त पद की पूर्ति उसी वर्ग की प्रतीक्षा सूची में शामिल महिला उम्मीदवार से की जाएगी। जबकि याचिकाकर्ता के मामले में उक्त नियम का उल्लंघन करते हुए एसटी महिला वर्ग के रिक्त पद पर एसटी पुरूष वर्ग के उम्मीदवार को नियुक्ति दे दी गई। उच्च न्यायालय द्वारा उक्त मामले की सुनवाई के पश्चात् याचिका को स्वीकार करते हुए भर्ती कमेटी को यह निर्देशित किया कि वह सब-इंस्पेक्टर पद हेतु एसटी महिला वर्ग की संशोधित सूची जारी करें एवं सूची में याचिकाकर्ता का नाम आने पर उसे नियुक्ति प्रदान कर इसके साथ ही पुलिस विभाग को यह भी निर्देशित किया गया कि वह याचिकाकर्ता को २५,०००/- (पच्चीस हजार) रूपये जुर्माने की अदायगी करें।