भोपाल, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता जे.पी. धनोपिया ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी के विधायक माखनलाल जाटव की हत्या के प्रकरण में भिंड जिला न्यायालय द्वारा सामान्य प्रशासन मंत्री लालसिंह आर्य को आरोपी करार दिया है एवं गिरफ्तारी वारंट भी जारी किये गये हैं, प्रदेश सरकार का मंत्री यदि हत्या के प्रकरण में आरोपी करार दिया गया है, तब उसे मंत्री पद पर बने रहने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है।
श्री धनोपिया ने कहा कि 13 अप्रैल 2009 की रात्रि में लोकसभा चुनाव के दौरान जब प्रत्याशी भागीरथ प्रसाद का चुनाव प्रचार चल रहा था, उसी दौरान कांग्रेस विधायक माखन लाल जाटव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, उक्त घटनाक्रम में महत्वपूर्ण पहलू यह है कि सामान्य प्रशासन मंत्री लालसिंह आर्य द्वारा जोर-जोर से चिल्लाकर कहा था कि माखन जाटव को गोली मार दो, जिंदा नहीं बचना चाहिये। यह साक्ष्य घटना के चश्मदीद गवाह बनवारी लाल जाटव ने अपने बयान में कही है, जिसे विशेष न्यायाधीश योगेश गुप्ता ने स्वीकार कर आर्य को हत्या का आरोपी करार देते हुये गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
धनोपिया ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से मांग की है कि सामान्य प्रशासन मंत्री लालसिंह आर्य का तत्काल मंत्री पद से इस्तीफा लेकर उन्हें पद मुक्त किया जाये। इस्तीफा ना देने की स्थिति में राज्यपाल ओ.पी. कोहली को चाहिए कि प्रदेश में संवैधानिक मुखिया होने के नाते तत्काल मंत्री श्री आर्य को मंत्रीमंडल से बर्खास्त किया जाये, यदि उन्हें मंत्री पद से नहीं हटाया गया तो वे अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर मौजूदा साक्ष्यों को मिटाकर प्रकरण को कमजोर भी करा सकते हैं।