प्रसव के दौरान चार दिन में चार तो दो माह में नौ बच्चे मृत

मुंगावली,जहां एक ओर स्वास्थ्य विभाग एवं महिना बाल विकास विभाग गर्भवती महिलओं की देखरेख के लिये कापी योजनायें चला रहा है जिससे की सुरक्षित प्रसव कराया जा सके परन्तु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पिछले चार दिनों में चार बच्चे मृत पैदा हुये हैं। जिससे सवाल यह उठता है कि जब शासन द्वारा इतनी योजनायें चलाई जा रहीं हैं तो इस प्रकार मृत बच्चें पैदा होना कहीं न कहीं यह दर्शाता है कि इन महिलाओं की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता और एएनएम द्वारा सही तरीके से ध्यान एवं जांच नही की गई क्योंकि यदि समस-समय पर किये जाने वाले बजन से यह जानकारी मिल ही जाती है कि बच्चे का बजन किस प्रकार बढ़ रहा है या नही बढ़ रहा क्योंकि जो बच्चे मृत पैदा हुये हें उनमें ५०० ग्राम तक के बच्चे हैं।
अप्रैल-मई में इनने दिया मृत बच्चे को जन्म
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से मिली जानकारी के अनुसार देखा जाये तो अप्रैल माह में प्रीति पत्नि सुरेन्द्र यादव ने मृत लड़का, जाहरा बी पत्नि नफीस लड़की, सुखवती पत्नि सोनू अहिरवार सड़ा गला लड़का, आरती बाई पत्नि चंदन कुशवाह ने मृत लड़की को जन्म दिया तो मई में हवन बाई पत्नि रघुवीर आदिवासी बच्चे, संजूबाई पत्नि जीवन आदिवासी ने ०१ किलो बजन का लड़का, रामरती बाई पत्नि चन्द्रभान रजक ने एक किलो बजन की लड़की, शांतीबाई पत्नि जयराम कुशवाह ने ५००-५०० ग्राम की दो बच्चियां तो सविता पत्नि रामदास कुशवाह ने ९०० ग्राम के मृत बच्चे को जन्म दिया। इसके अलावा देखा जाये तो यहां प्रसव के लिये आने वाली महिलाओं में खून की मात्राा भी कम पाई जा रही है जिससे यही कहा जायेगा की क्षेत्र में शासन की योजनायें मूर्त रूप नही ले पा रहीं हैं।
इस प्रकार है ग्रामीण क्षेत्र की स्थिति
क्षेत्र से आई हुई महिलाओं को मृत बच्चे क्यों पैदा हो रहे हैं उसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शनिवार को बाढौली गांव की महिला सपना अपने परिजनों के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर आई तो वहां डय़ूटी पर उपस्थिति स्टाफ नर्स ममता विश्वकर्मा द्वारा पूछा गया कि आपका कार्ड कहॉ है तो इसके पास कोई कार्ड नही था जिससे की पता चल सके की इसको कितने टीके लग चुके हैं या नही लगे तब इस महिला के परिजन ने पूछा कि आप हमको बता दो की हमारे गांव बाढौली की आशा और एएनएम है कौन। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ग्रामीण क्षेत्र में किस प्रकार की स्थिति बनी हुई है।
इनका कहना है।
जो बच्चे मृत पैदा हो रहे हैं यह सामान्य है क्योंकि अस्पताल में जितने प्रसव हो रहे हैं उसको देखकर औसतन इतने बच्चे मृत पैदा होते हैं।
डॉ. दिनेश त्रिपाठी, मडीकल ऑफीसर मुंगावली
बच्चे का जन्म समय से पहले हो जाने के कारण इस प्रकार की स्थिति हो जाती है लेकिन फिर भी आगे आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को यादा ध्यान रखने के लिये समझाईश देगें।
बीरेन्द्र रघुवंशी, प्रभारी महिला बाल विकास विभाग मुंगावली

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *