भोपाल,भारत के महानियंत्रक और महालेखाकार कैग ने अपनी रिपोर्ट में मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन ईवीएम की खरीदी में गड़बड़ी उजागर की है।कैग ने अपनी रिपोर्ट में २९ करोड़ रुपए की ईवीएम मशीने बिना जरूरत खरीदने पर आपत्ति जताई है।वहीं अन्य राज्यों से ज्यादा कीमत पर ईवीएम मशीन खरीदने पर भी आपत्ति दर्ज की है।
कैग ने अपनी आपत्ति में लिखा है की राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकायों और ग्राम पंचायत के चुनाव में २९ करोड़ रूपए की ईवीएम मशीन बिना जरुरत के क्रय की हैं। कैग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा की मध्य प्रदेश सरकार के वित्त विभाग ने ईवीएम मशीनों की खरीदी के साथ प्रिंटिंग मशीन का प्रावधान सुनिश्चित करने वाली मशीनों को क्रय करने के लिए सुझाव दिया था। जो राज्य निर्वाचन आयोग ने नहीं खरीदी।
इसी कैग ने मप्र राज्य निर्वाचन आयोग पर महाराष्ट्र निर्वाचन आयोग से ज्यादा महंगी कीमत पर ईव्हीएम मशीनें खरीदने पर आपत्ति दर्ज की है। महाराष्ट्र निर्वाचन आयोग ने जो मशीन ९२७८ रुपए में खरीदी थी। वही मशीन मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग ने ११५०० रुपए खरीदी, कीमतों में इतने बड़े अंतर को लेकर कैग ने आपत्ति दर्ज कराई है। कैग ने अपनी आपत्ति में यह भी कहा है की राज्य निर्वाचन आयोग ने ईसीआईएल से कोटेशन मांगा,किंतु भारत इलेक्ट्रॉनिक से कोटेशन नहीं मांगा। जबकि यही दोनों कंपनियां ईवीएम मशीन सप्लाई करती हैं। यह वित्तीय संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है।
सामाजिक कार्यकर्ता अजय दुबे ने सूचना अधिकार कानून के तहत ली गई जानकारी और कैग की आपत्ति के बाद आरोप लगाया है, कि राज्य निर्वाचन आयोग में कैग द्वारा उठाई गई आपत्ति को विधानसभा के पटल पर नहीं रखा। राज्य निर्वाचन आयोग ने जो रिपोर्ट विधानसभा में रखी है, उसमें कैग की आपत्ति को शामिल नहीं करके आपराधिक कृत्य किया है।अजय दुबे ने कैग की रिपोर्ट के हवाले से कहा की मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने ५४ हजार कंट्रोल यूनिट और १ लाख ५९३६० बैलेट यूनिट मंगाई हैं। इसमें से ८८५० कंट्रोल यूनिट और ४७ हजार बेलिट यूनिट का चुनाव में उपयोग ही नहीं हुआ। अजय दुबे ने इस मामले में सीबीआई से शिकायत कर जांच की मांग की है।वहीं मध्यप्रदेश के राज्यपाल से राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त आर परशुराम को बर्खास्त करने की मांग की है।
कैट की आपत्ति के बाद यह कहा जा रहा है, कि भारत सरकार के उपक्रम भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड तथा इलेक्ट्रॉनिक कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) ईवीएम मशीनों को विभिन्न चुनाव आयोग को सप्लाई करते हैं।दोनों ही सरकारी क्षेत्र की कंपनियां है। यह दोनों कंपनी प्रतिस्पर्धा में अधिकारियों को कमीशन देकर मनमाने रेट पर मशीनों की सप्लाई करती हैं। इस खरीदी में बड़े पैमाने पर लेन देन होता है। जरूरत से ज्यादा मशीनें खरीदने के पीछे कमीशन का चक्कर है।