नई दिल्ली,राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) १२वीं कक्षा के राजनीति विज्ञान की किताब में पूर्वी और दक्षिणी पूर्वी एशिया के नक़्शे को बदलेगी। इस नक़्शे में अक्साई चिन को विवादित क्षेत्र बताया गया है।
नक़्शे को लेकर ऑनलाइन मीडिया के आपत्ति जताए जाने के बाद एनसीईआरटी ने ये फैसला लिया है। ऑनलाइन मीडिया ने ये आपत्ति दर्ज करते हुए कहा था कि अक्साई चिन चीन का हिस्सा है। जबकि किताब में कहा गया है कि भारत अक्साई चिन पर दावा पेश कर रहा है। १२वीं की इस किताब का नाम समकालीन विश्व राजनीति है। इसका पहला प्रकाशन वर्ष २००७ में हुआ था। बाद में इसका पुनर्मुद्रण हुआ। इसमें एक नक़्शे में अक्साई चिन को हूबहू उसी पीले रंग में दिखाया गया है, जिसमें चीन को दिखाया गया है। यह नक्शा टेक्सास विश्वविद्यालय पुस्तकालय से साभार उठाया गया है। इसका इस्तेमाल दक्षिण पूर्वी एशिया को वैकल्पिक सत्ता केंद्र के रूप में चित्रित करने में किया गया है।
एनसीईआरटी के मुताबिक, यह किताब विश्व में शीत युद्ध की शुरुआत के बाद के प्रमुख राजनीतिक घटनाओं पर प्रकाश डालती है। इसका चौथा अध्याय ‘शक्ति के वैकल्पिक केंद्र’ यूरोपियियन यूनियन, आसियान और चीन पर केंद्रित है। पेज नंबर ५६ पर जो नक्शा दिखाया गया है, वो भारत का नहीं है। यह पूर्वी और दक्षिणी पूर्वी एशिया का है। इस अध्याय के आखिर में भारत-चीन रिश्ते नाम से एक विषय है, जिसमें ये कहा गया है कि भारत अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन पर अपना दावा पेश कर रहा है। हालांकि, एनसीईआरटी ने इस नक़्शे को बदलने का फैसला लिया है।