लखनऊ, उत्तर प्रदेश की आदित्यनाथ योगी की सरकार ने 3800 मेगा वाट बिजली के सोदे जो पूर्व सरकार ने किए थे ,उन्हे रद्द करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी का कहना है कि यह सौदे काफी महंगी दरों पर किए गए थे। इसकी खरीद लागत मौजूदा हाजिर बाजार दर की तुलना में काफी ज्यादा है। यह समझौते अगले 15 साल के लिए किए गए थे।
जिन कंपनियों के सौदे राज्य सरकार ने रदद् किए हैं। उनमें जिंदल पावर, जे पी निगरी, लैंको, अदाणी पावर, जीएमआर और जेएसडब्लू ने बिजली समझोते किये थे। उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार का मानना है कि सारे देश में बिजली की लागत 3 रुपया प्रति यूनिट के नीचे चली गई है। राज्य सरकार ने पिछले साल लगभग 400 करोड़ यूनिट बिजली 4 रुपए 20 पैसे से 4 रुपए 90 पैसे प्रति यूनिट की दर पर खरीदी थी। जो सौदे 15 साल के लिए उपरोक्त कंपनियों से किए थे। वह काफी अधिक दरों पर किए थे। जिसके कारण वर्तमान सरकार ने उन सौदों को रद्द कर दिया है।
इन्ही कंपनियों ने मध्य प्रदेश सरकार के साथ में काफी महंगी दरों पर लंबी अवधि के अनुबंध किए हैं। मध्य प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों को काफी महंगी दरों पर बिजली खरीदना पड़ रही है।। जरूरत नहीं होने पर भी बिजली कंपनियों को करोड़ो रुपए प्रतिमाह का भुगतान करना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इन कंपनियों की मिलीभगत को लेकर एक कड़ा फैसला लिया है। जिसका असर सारे देश में पड़ना तय है।