नई दिल्ली,दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि आत्महत्या करने वाले व्यक्ति को शहीद का दर्जा नहीं दिया जा सकता है। कोर्ट ने ‘वन रैंक, वन पेंशन’ के मसले पर खुदकुशी करने वाले सेना के पूर्व जवान राम किशन ग्रेवाल को दिल्ली सरकार द्वारा शहीद का दर्जा देने के खिलाफ दाखिल की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है।कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति अनु मल्होत्र की पीठ ने गुरुवार को दिल्ली सरकार से यह बताने के लिए जंतर-मंतर पर बैठे लोग अपने किस कर्तव्यों का पालन कर रहे थे। पीठ ने कहा कि उन्होंने खुद आत्महत्या किया है, क्या इसे शहीद कहा जा सकता है। याचिका में दिल्ली सरकार द्वारा खुदकुशी करने वाले ग्रेवाल को शहीद का दर्जा देने, परिवार के एक सदस्य को नौकरी व एक करोड़ रुपये मुआवजा देने का प्रस्ताव को चुनौती दी गई है। इसके अलावा जंतर-मंतर पर 22 अप्रैल, 2015 को आप के किसान रैली के दौरान खुदकुशी करने वाले किसान गजेंद्र को भी शहीद का दर्जा देने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिकाकर्ता ने कहा कि सिर्फ सीमा पर जान न्यौछावर करने वाले जवानों को ही शहीद का दर्जा दिया जा सकता है। मामले की अगली सुनवाई 7 जुलाई को होगी।