नई दिल्ली,चीन की बढ़ती दखलंदाजी के मद्देनज़र भारत और जापान रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हो गए हैं। शुरुआत रक्षा प्रौद्योगिकी से की जाएगी जिसमें जापान को महारत हाँसिल है। रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने अपनी जापान यात्रा के दौरान टोकियो में कहा कि भारत, जापान के साथ अपने सैन्य सहयोग को मजबूत करना चाहता है और हथियारों तथा उपकरणों के घरेलू उत्पादन के लिए रक्षा प्रौद्योगिकी लेने में उसकी दिलचस्पी है।
जेटली ने कल अपने जापानी समकक्ष तोमोमी इनादा से मुलाकात में कहा कि भारत और जापान के रक्षा बलों के बीच बेहद मजबूत संबंध है और दोनों राष्ट्र क्षेत्रीय शांति तथा स्थिरता के लिए अपनी रणनीतिक साझेदारी को बनाए रखेंगे। जेटली ने कहा कि जापान के पास बहुत सारी रक्षा प्रौद्योगिकी हैं जो निश्चित तौर पर भारत के लिए बहुत काम की हैं क्योंकि हम भारत में घरेलू स्तर पर उत्पादन के प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत और जापान कारोबारों के बीच सहयोग की संभावना तलाश रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह सहयोग भारत द्वारा जापान से खरीद तथा उनकी तकनीकों की मदद से भारत में घरेलू उत्पादन की संभावना, दोनों ही उद्देश्यों के लिए होगा। जेटलीने कल जापान का तीन दिवसीय दौरा पूरा किया। यहां वे एशियाई विकास बैंक की सालाना बैठक और निवेश बैठकों में भी शामिल हुए।