नई दिल्ली, दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में आम आदमी पार्टी के द्वारा ईवीएम से छेड़छाड़ को लेकर दिखाए गये डेमो पर संविधान विशेषज्ञों ने सवाल उठाए है। बता दें कि आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने ईवीएम जैसी एक मशीन के जरिए दावा किया कि इससे छेड़छाड़ की जा सकती है। विधानसभा के विशेष सत्र में ईवीएम से छेड़छाड़ के लाइव डेमो को लेकर अब एक नया विवाद उठ खड़ा हुआ है। संविधान विशेषज्ञों ने इस तरह की पहल को गलत बताते हुए ‘आप’ पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। आप ने दिल्ली विधानसभा में जिस तरह से ईवीएम से छेड़छाड़ का डेमो दिया उसे लेकर सवाल भी उठने लगे हैं। सवाल उठाया गया है कि क्या दिल्ली विधानसभा में नियमों का पालन किया जा रहा है और क्या वह उन्हीं नियमों के अनुरूप चल रही है, जो निर्धारित किए गए हैं। संविधान विशेषज्ञों की मानें तो विधानसभा की कार्यवाही नियमों के खिलाफ है और ऐसे उदाहरण पेश किए जा रहे हैं जो भविष्य में परेशानी का सबब बन सकते हैं।
दिल्ली सरकार ने मंगलवार को विशेष सत्र बुलाया अब सवाल यह भी है कि नियमों के अनुसार विशेष सत्र जैसा कुछ नहीं होता। सरकार की ओर से आपातकालीन सत्र बुलाया जाता है, जिसमें गंभीर विषयों पर चर्चा होती है और प्रस्ताव पारित किए जाते हैं।
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने अपने 15 साल के कार्यकाल में तीन बार आपातकालीन सत्र बुलाया था, जिसमें दिल्ली में गैर सीएनजी बसों पर रोक, रिहायशी इलाकों में छोटे उद्योगों पर पाबंदी और पूर्ण राज्य का मसला शामिल था। ‘आप’ सरकार ने तो पिछले सवा दो साल के दौरान पिछले सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। लोकसभा व दिल्ली विधानसभा के एक पूर्व सचिव के मुताबित, नियमों के अनुसार विधानसभा में कोई भी सदस्य बाहर की वस्तु सदन में नहीं ला सकता, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने मंगलवार को सत्ता पक्ष को ईवीएम जैसी मशीन लाने की इजाजत दे दी।
पूर्व सचिव ने कहा कि एक बार कांग्रेस सदस्य मुकेश शर्मा सदन में अपना विरोध प्रकट करने के लिए शराब की दो बोतलें ले आए थे तो उनकी सदस्यता मुश्किल से बच पाई थी। अब सदन में ईवीएम जैसी मशीन के डेमो की इजाजत देकर अध्यक्ष ने गलत परंपरा की शुरुआत की है। अब इस मसले पर भविष्य में सदन में हंगामा किया जा सकता है।