वाशिंगटन, अमेरिका की खुफिया एजेंसी एफबीआई को एक आतंकी के आई फोन को फिर से चालू करने में करीब छ करोड़ रूपये खर्च करने पड़े। अमेरिका के सैन बर्नाडिनो में 2016 की शुरुआत में हुई शूटिंग के बाद आतंकी के आईफोन को अनलॉक करने के लिए ऐपल और एफबीआई में ठन गई। हालांकि ऐपल ने आतंकी के आईफोन 5ए को फिर से चालू करने से साफ इंकार कर दिया था। ऐपल ने यूजर प्राइवेसी पॉलिसी का हवाला देते हुए फोन को अनलॉक नहीं किया। आखिरकार अमेरिकी खुपिया एजेंसी एजेंसी एफबीआई ने उसे आईफ़ोन 5एस को दूसरी सिक्योरिटी एजेंसी से क्रैक कराया। इसके लिए एफबीआई ने सॉफ्टवेयर भी खरीदा, लेकिन तब यह नहीं साफ किया गया कि इसके लिए एफबीआई को कितने पैसे खर्च करने पड़े। हालांकि काफी पहले यह रिपोर्ट आई थी कि एफबीआई ने इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च कर दिए हैं। अब आईफोन-5सी लॉक क्रैक करने के लिए करोड़ो रुपये लगाए जाने की खबर सच साबित होती दिख रही है। सेनेटर डियेन फेन्स्टाइन ने खुलासा किया है कि सैन बर्नाडिनो के शूटर का आईफोन-5 सी अनलॉक करने में 90 लाख डॉलर लगे (लगभग 6 करोड़ रुपये)। इससे पहले यह माना जा रहा था कि आईफोन-5सी क्रैक करने में लगभग 1¸ 3 मिलियन डॉलर लगाए गए हैं। क्योंकि तब एफबीआई के निदेशक जेम्स कोमी ने कहा था कि इसे अनलॉक कराने में एफबीआई को इतने पैसे लगे हैं जितना उन्हें सात साल और चार महीने में भी नहीं कमा पाए हैं। इसी आधार पर उनकी सैलरी से अनुमान लगाया गया था कि इसके लिए 1¸ 3 मिलियन डॉलर लगे हैं, लेकिन अब खुलासा हुआ है कि उससे थोड़े कम पैसे लगे थे। बताया जा रहा है कि आतंकी के आईफोन को खोलने के लिए 90 हजार डॉलर देने पड़े हैं। इससे पहले तक एफबीआई ने आईफोन-5सी के हैक करने की कीमतों के बारे में साफ तौर पर कुछ भी नहीं कहा था।