उज्जैन, माधव नगर थाने में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई है। इस शिकायत में उनके ऊपर फर्जी दस्तावेज पेश करके स्वयं मीसाबंदियों की सम्मान निधि प्राप्त करने की पात्रता को आधार बनाने पर की गई है। उल्लेखनीय है कि मीसा बंदियों को 15 हजार से लेकर 25 हजार रुपए मासिक पेंशन सम्मान निधि के रूप में मिलती है।
शिकायत में आरोप है केंद्रीय जेल भैरवगढ़ के रिकॉर्ड के अनुसार आपातकाल के दौरान थावरचंद गहलोत 23 दिसंबर 1975 से 6 जनवरी 1976 तक मात्र 13 दिन जेल में रहे। पेंशन के लिए उन्होंने अपने मंत्री पद का दुरुपयोग करते हुए जेल रिकॉर्ड में हेराफेरी कराकर गलत प्रमाण पत्र लेने और मीसाबंदी पात्रता का निर्णय करने वाली समिति से फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर पात्रता तय कराना है। इस गड़बड़ी को लेकर यह शिकायत दर्ज की गई है।
उज्जैन के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह द्वारा इस सूची को मान्यता देने के बाद यह मामला तूल पकड़ रहा है। जिला स्तरीय अनुशंसा समिति की बैठक में गहलोत को मीसाबंदी का लाभ दिलाने के लिए उनकी जेल अवधि को 54 दिन 14 नवंबर 1975 से 6 जनवरी 1976 तक होना बताया है। शिकायतकर्ता ने इसे अपराधिक षड्यंत्र करार देते हुए थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत के खिलाफ थाने में मामला दर्ज
