धमतरी, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह प्रदेश व्यापी लोक सुराज अभियान के अन्तर्गत रविवार को अचानक महानदी के उद्गम स्थल सिहावा पहुंच गए। उन्होंने सिहावा पर्वत के पास श्रृंगी ऋषि आश्रम के पुजारियों से भी मुलाकात की। छत्तीसगढ़ और ओड़िशा राज्यों की जीवन रेखा, लगभग आठ सौ किलोमीटर की इस नदी के उद्गम स्थल का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने सिहावा में नदी के उद्गम स्थल और श्रृंगी ऋषि आश्रम के आस-पास के क्षेत्रों में पर्यटन की दृष्टि से हर प्रकार की जरूरी व्यवस्था करने का आश्वासन दिया। सौर ऊर्जा से प्रकाश और पेयजल व्यवस्था भी की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्गम स्थल के संरक्षण और नदी के किनारों पर वृक्षारोपण आदि के कार्य भी करवाए जाएंगे। डॉ. सिंह ने कहा कि यह एक पवित्र स्थल है। महानदी न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि देश की प्रमुख नदी है। इस नदी का संरक्षण हम सब की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि आज मुझे महानदी के उद्गम स्थल पर आने का अवसर मिला। 00 मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक थाने का भी किया दौरा : मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सिहावा के लगभग 119 वर्ष पुराने ऐतिहासिक पुलिस थाने का भी निरीक्षण किया। महर्षि श्रृंगी ऋषि आश्रम के नीचे का यह इलाका काफी पहले बस्तर अंचल का हिस्सा था। अभिलेखों के अनुसार ब्रिटिश युग में प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सन 1857 में वहां पुलिस चौकी खोली गयी थी और सन 1898 में पुलिस थाने का निर्माण किया गया था। मुख्यमंत्री ने आज इस पुलिस थाने के परिसर में सबसे पहले खंभेश्वरी देवी की पूजा-अर्चना की। उन्हें बताया गया कि गांव के लोग अपने किसी भी धार्मिक अनुष्ठान और होली, दीवाली जैसे पर्व की शुरूआत यहां आकर खंभेश्वरी देवी की पूजा के साथ करते हैं। मुख्यमंत्री ने इसे काफी महत्वपूर्ण बताया। स्थानीय लोगों के अनुसार यह पुलिस थाना बस्तर अंचल में गुण्डाधूर के नेतृत्व में सन 1910 में अंग्रेजों के विरूद्ध हुए आंदोलन का भी साक्षी है। मुख्यमंत्री ने सिहावा पुलिस थाने के पुराने रोजनामचों, वहां के माल थानों और ग्रामवार रखे पुराने अभिलेखों को भी देखा। उन्होंने सिहावा के समाधान शिविर में वहां बैंक स्थापना, वन विभाग के निस्तारी डिपो, डोंगरीपारा में 500 मीटर सीमेंट कांक्रीट रोड और मुकुंदपुर से लखनपुर तक आठ किलोमीटर सड़क निर्माण करवाने की भी घोषणा की। डॉ. रमन सिंह ने यह भी कहा कि श्रृंगी ऋषि आश्रम में सौर ऊर्जा से प्रकाश व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कड़केश्वर नाथ मेले सुविधाओं के विस्तार का भी आश्वासन दिया।