भोपाल, प्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में प्रवेश के लिए पीजी उम्मीदवारों की नई मेरिट लिस्ट तैयार हो रही है। इसके बाद करीब 80 सेवारत उम्मीदवार और मेरिट में आ सकते हैं। इसके साथ ही पूर्व में प्रवेशित छात्रों की रैंकिंग पीछे होने पर उनका प्रवेश निरस्त हो जाएगा। मालूम हो कि हाईकोर्ट ने हाल ही में सेवारत उम्मीदवारों को पीजी एमडी-एमएस/एमडीएस)में अधिभार अंक देने के नए मापदंड बनाए हें। साथ ही नए सिरे से पीजी काउंसलिंग कराने के लिए कहा गया है।
नीट पीजी में 133 सेवारत उम्मीदवार मलिफाई हुए हें। इनमें 38 को मेरिट में आने के चलते सीट आवंटन हो चुका है। हाईकोर्ट के निर्देश पर अब नई मेरिट तैयार की जा रही है। अब नगरीय क्षेत्र व उसके आसपास के अस्पतालों को छोड़ सभी सीएचसी, पीएचसी व सिविल अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टरों को अधिभार अंक का फायदा मिलेगा। इससे मेरिट लिस्ट बदल जाएगी। उधर, प्रवेशित छात्रों ने एडमिशन निरस्त होने की स्थित में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाने की तैयारी की है।मेडिकल पीजी में दाखिले के लिए पहले चरण की काउंसलिंग हो चुकी है। इससे 312 छात्रों का एडमिशन हो चुका है। दूसरे चरण की काउंसलिंग 11 मई से थी। लेकिन, अब इस तारीख के आसपास नए सिरे से पहले चरण की काउंसलिंग होगी। इसके बाद दूसरे चरण की काउंसलिंग होगी। 31 मई तक काउंसलिंग पूरी करनी है। समय कम होने के चलते लेफ्ट आउट राउंड होना मुश्किल है।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के निर्देश पर राज्य सरकार ने 89 ट्राइबल ब्लाक में करने वाले डॉक्टरों को पीजी में अधिभार अंक देने का नियम बनाया था। यह अंक उनकी पीजी प्रवेश परीक्षा (नीट पीजी) के प्राप्तांक के अनुसार थे। बाद में अन्य सेवारत डॉक्टरों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सरकरी नौकरी कर रहे सभी डॉक्टरों को पीजी में अधिभार अंक की मांग की थी। सेवारत उम्मीदवारों एक साल के 10 फीसदी के मान से अधिकतम 30 फीसदी अंक दिया जाना है।