भोपाल,मध्यप्रदेश विधानसभा के एक दिवसीय सत्र में बुधवार को वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी पर तीखी बहस के बाद विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। जीएसटी को मंजूर करने वाला मप्र चौथा राज्य बन गया। इससे पहले विधेयक को चर्चा के लिए वित्त मंत्री ने सदन में रखा। सदन में नर्मदा नदी को जीवित व्यक्ति का दर्जा देने का संकल्प भी पेश किया गया।
प्रदेश विधानसभा में वित्त मंत्री जयंत मलैया ने मध्य प्रदेश माल और सेवा कर विधेयक, 2017 पेश किया। इस पर चर्चा शुरू हुई तो विपक्ष ने सरकार की मंशा और जीएसटी के स्वरूप को लेकर सवाल पर सवाल दाग दिए। सरकार की ओर से विपक्ष को जवाब दिए गए, किन्तु उससे विपक्ष संतुष्ट नजर नहीं आया। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक राम निवास रावत ने कहा कि ऐसी क्या आवश्यकता आन पड़ी कि सदन की बैठक बुलाना पड़ गई। उन्होंने आरोप लगाया कि जीएसटी का ड्राफ्ट तो खुद सरकार के मंत्रियों ने भी ठीक से नहीं पढ़ा। चर्चा के बीच पक्ष-विपक्ष के विधायकों में तीखी नौंक-झौंक भी होती रही। सदन में चर्चा उपरांत विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इस एक दिवसीय विधानसभा सत्र में नर्मदा नदी को ’जीवित व्यक्ति’ का दर्जा देने का संकल्प भी पेश किया गया। इसके पूर्व जैसे ही विधानसभा कार्रवाई शुरू हुई तो पूर्व परिवहन मंत्री प्रताप सिंह बघेल के निधन पर उन्हें सदन की ओर से श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद सदन की कार्रवाई दस मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद सत्र प्रारंभ होने पर नवनिर्वाचित विधायक हेमंत कटारे और शिवनारायण सिंह को शपथ दिलवाई गई।