लखनऊ,उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस समारोह पूर्वक 24 जनवरी को मनाया जाएगा। योगी सरकार की कैबिनेट बैठक में मंगलवार को यह निर्णय लिया गया। कैबिनेट ने इसके अलावा जीएसटी बिल को अनुमोदित कर दिया। इसके अलावा कैबिनेट में राज्य की तबादला नीति को भी मंजूरी दी गई। जिसके तरत जिलों में अफसर तीन साल से ज्यादा नहीं रहेंगे। कैबिनेट ने विभागों से मैनुअल टेण्डर समाप्त करते हुए ई टेण्डरिंग व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया। इसके साथ ही जिलों में खनन पर दस फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगाया जाएगा जो जिले के विकास के लिए जिला खनिज फाउन्डेशन में जमा होगा।
बैठक के बाद मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि कैबिनेट ने जीएसटी बिल को अनुमोदित कर दिया है। इस बिल को 15 मई से शुरु हो रहे विधानसभा के विशेष सत्र में पारित कर दिया जाएगा। इसके बाद पहली जुलाई से उत्तर प्रदेश में भी जीएसटी लागू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए तबादला नीति को भी हरी झंडी दिखाई गई है। इसके तहत अब प्रदेश में 30 जून तक तबादला हो सकेंगे। जिलों में तीन साल और मंडलों में सात साल तक जमे अधिकारियों और कर्मचारियों का इस नीति के तहत तबादला होगा। समूह ग और घ के कर्मचारियों का तबादला विभागाध्यक्ष कर सकेंगे। विकलांगजनों को इस तबादला नीति से बाहर रखा गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि कैबिनेट ने 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस मनाने का निर्णय लिया है। दरअसल 24 जनवरी 1950 को यूनाइटेड प्रोविंस की जगह सूबे का नाम उत्तर प्रदेश किया गया था। प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक पूर्ववर्ती सपा सरकार से लगातार उप्र स्थापना दिवस मनाने की बात करते रहे लेकिन तब सरकार ने उनके इस सुझाव को नहीं माना था। सोमवार को राजभवन में मनाये जा रहे महाराष्ट्र दिवस के मौके पर वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 24 जनवरी को उप्र दिवस मनाने की घोषणा की थी। इसके बाद आज इसे मंत्रिमंडल की भी मंजूरी मिल गई। श्री सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश दिवस मनाने के लिए संस्.ति विभाग और पर्यटन विभाग का भी सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए एक कमेटी गठित होगी। प्रदेश के बाहर भी उत्तर प्रदेश दिवस मनाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने प्रदेश से मैनुअल टेंडरिंग खत्म करते हुए पूरी तरह से ई-टेंडरिंग व्यवस्था को लागू कर दिया। अभी तक विभागों को उनके विवेक के माध्यम से मैनुअल या ई-टेंडर का निर्णय लेने का अधिकार होता था, लेकिन अब प्रदेश में मैनुअल टेंडरिंग को पूरी तरह खत्म कर ई-टेंडरिंग और ई-प्रोक्योरमेंट की व्यवस्था लागू की जाएगी। तीन महीने में कार्यप्रणाली तैयार कर ली जाएगी। प्रवक्ता श्री सिंह ने कहाकि सपा सरकार में शुरू हुआ क्रोनी कैपिटलिज्म का आज खात्मा हो गया। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में यह देखा गया है कि ई टेंडरिंग विदेशी निवेश को बढ़ावा देता है।
सरकार के प्रवक्ता श्री सिंह ने बताया कि मंत्रिमंडल ने खनन के विषय में भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। केंद्र सरकार ने 2015 को एक अधिसूचना जारी की थी, जिसके अनुसार जिला स्तर पर कमेटियां बनेंगी, उसके लिए जिला खनिज फाउंडेशन बनेगा। मंत्रिमंडल ने आज उत्तर प्रदेश जिला खनिज फाउंडेशन नियमावली 2017 को मंजूरी दे दी है। फाउंडेशन में जो फंड आएंगे, उन पर फैसला यह फाउंडेशन करेगा की क्या क्या उस जिले में काम होगा। अब जो भी खनन करेगा उसे अलग से 10 फीसदी कर देना होगा। यह पैसा उसी जिले में खर्च करना होगा। इसे देखने के लिए एक मैनेजिंग कमेटी भी बनेगी। वहीं पुराने पड्ढटाधारकों को 30 फीसदी फंड में जमा करना होगा। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया कि गोरखपुर फर्टिलाइजर कारखाने में लैड ट्रांसफर के स्टांप डय़ूटी में छूट देने का निर्णय लिया है।