अशोकनगर, नगरपालिका द्वारा शहर में जल आपूर्ती के लिए तीन नई टंकियों का निर्माण कराया गया है। जिन वार्डों में जल आपूर्ती हेतु पाइप लाइन नहीं थी वह भी बिछा दी गई है। लेकिन इन टंकियो में पानी कहां से आएगा इसकी व्यवस्था नहीं की गई है। एक लाख की आबादी वाले शहर की प्यास केवल अमाही तालाब से नहीं बुछ सकती है। बढ़ती जनसंख्या के मद्देनजर जल श्रोत के नए विकल्प तलाशने होंगे। नपा द्वारा छू बरखेड़ा से पानी लाने की कागजी घोषणा तो की गई थी। लेकिन इस दिशा में भी कोई सार्थक पहल नहीं हुई है। लिहाजा आने वाले सालो में शहर में जल संकट की स्थिति और भी गंभीर हो जाएगी।
भीषण गर्मी और लगातार गिरते जल स्तर के कारण शहर की प्यास बुझाने वाला अमाही तालाब का जल स्तर तेजी से कम हो रहा है। अप्रैल के आखिरी दिन तालाब का जल स्तर 10 फिट से भी नीचे पहुंच गया है। जिससे आगामी दिनों में नगर में जल संकट और भी बिक्राल हो सकता है। अभी तक तालाब से नगर में स्थित दो पानी की टंकियों को ही भरा जाता था। परन्तु अब यह संख्या दुगनी हो गई है। इस कारण तालाब के सूखने की आशंका भी बढ़ गई है।
नई जल आवर्धन योजना के तहत शहर में तीन नई टंकिया बनाई गई हैं। जिनमें से फिलहाल दो टंकिया हीं चालू की गई हैं। पुरानी टंकी से अधिकतम 2300 घरो में पानी की सप्लाई की जाती है। पहले से शहर में साढ़े छ: हजार नल कनेक्शन हैं। नवीन नल कनेक्शन देने की प्रक्रिया नगरपालिका ने शुरु कर दी है। इस कारण बढ़ी संख्या में लोग नल कनेक्शन लेने के लिए फाइल जमा कर रहे हैं। कनेक्शन बढ़ने के बाद पहले से ही मौजूद जल संकट और भी गहरा जाएगा क्योंकि नगरपालिका को अधिक जल सप्लाई करना पड़ेगा जबकि तालाब में पानी 10 फिट से भी नीचे पहुंच चुका है। अच्छी बारिस होने पर अमाही तालाब 23 फिट तक भर जाता है। इसके बाद छरार चलने लगती है। फसलों की सिंचाई के लिए अमाही तालाब से नहर के द्वारा पानी छोड़ा जाता है। लेकिन इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि शहर वासियों को पीने के लिए पर्याप्त पानी रहे। इस कारण 14 फिट पानी रहने पर सिंचाई के लिए पानी छोड़ना बंद कर दिया जाता है। इस बार कम वर्षा के कारण अमाही तालाब 21 फिट ही भरा हुआ था। इस कारण 7 फिट पानी छोड़ने के बाद नहर का गेट बंद कर दिया गया था। नवीन नल कनेक्शन देने के बाद नगर पालिका ने इस बात की योजना तैयार नहीं की है कि इनके लिए पानी कहां से आएगा क्योंकि टंकियों की संख्या दो से बढ़कर 5 हो गई है वहीं पूर्व में साढ़े छ: हजार नल कनेक्शन थे। नवीन नल कनेक्शन लेने की प्रक्रिया शुरु हुई है तब से अब तक करीब 2 हजार से अधिक कनेक्शन हो चुके हैं एवं इसके बाद भी निरंतर कनेक्शन के लिए आवेदन आ रहे हैं। इतनी बढ़ी संख्या में जल उपभोक्ता बढ़ने के बाद इन्हें पर्याप्त पानी सप्लाई करना नगरपालिका के लिए इस बड़ी चुनौती होगी।
नहीं की बरखेड़ा से पानी लाने की योजना तैयार:
अमाही तालाब में कम पानी होने के कारण शहर में ग्रीष्मकाल के दौरान जल संकट गहराने की आशंका है। मई और जून के पूरे-पूरे दो माह गर्मी सबाब पर रहेगी। एसी दौरान पानी की खपत भी बढ़नी है। मानसून के आने में अभी काफी देर है ऐसे में जल संकट से निपटने के लिए नगरपालिका को पहले से ही योजना बनानी चाहिए। इसके लिए नगरपलिका द्वारा छू बरखेड़ा के तालाब से शहर को पानी सप्लाई करने की योजना बनाई गई थी लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की गई है। अगर जल्द ही इस दिशा में सार्थक पहल नहीं की गई तो आने वाले दिनों में शहर में पानी के लिए त्राहि-त्राहि मचना पक्का है।