मेरठ,उत्तर प्रदेश के मेरठ में शनिवार को डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) ने रिटायर्ड कर्नल देवेंद्र कुमार के घर पर छापा मारा। अब खुलासा हुआ है कि रिटायर्ड कर्नल का बेटा प्रशांत बिश्नोई वहीं शिकारी है, जिसने बिहार सरकार के बुलावे पर अपने सहयोगी के साथ मिलकर करीब ढाई सौ से यादा नीलगायों को मार गिराया था। मेरठ के सिविल लाइंस इलाके में जब डीआरआई जांच अधिकारियों की टीम पहुंची तो उनकी आंखें फटी रह गईं। जांच अधिकारी आगे बढ़ते गए और प्रशांत बिश्नोई के सिर्फ नेशनल शूटर होने का भ्रम टूटने लगा। प्रशांत बिश्नोई कानून को ठेंगा दिखाते हुए, कानून की आड़ लेकर कानून की ही धजियां उड़ा रहा था। दिल्ली से मेरठ पहुंची डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस यानी डीआरआई की टीम में 14 अधिकारी मौजूद थे। एक शूटर के घर राइफल और पिस्तौल होना आम बात थी। किसी नेशनल शूटर के घर दर्जनों के भाव से हथियार, 50 हजार से यादा जिंदा कारतूस और जानवरों के खाल, सींग, खोपड़ी देखकर तलाशी ले रही टीम के भी होश उड़ गए। अधिकारियों के लिए यह सब यकीन से परे था। छापेमारी करने वाली टीम तीन गाड़ियों में सामान लादकर अपने साथ ले गई। प्रशांत बिश्नोई के घर से जो हथियार बरामद हुए हैं, उसमें स्थानीय निर्मित और इंपोर्टेड ऑटोमेटिक हथियार शामिल हैं। छापेमारी के दौरान अधिकारियों को बिश्नोई के घर से एक बड़ा सा फ्रीजर भी मिला। इसी फ्रीजर में जंगली जानवरों के मांस के 45 पैकेट रखे हुए थे। टीम को आशंका है कि इसमें रखा मांस नीलगाय का है। मांस के जब्त सैंपल को जांच के लिए देहरादून स्थित वाइल्ड लाइफ इंस्टीटय़ूट भेजा जाएगा। प्रशांत बिश्नोई के घर से इतने बड़े पैमाने पर जानवरों का मांस मिलने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
मांस का खरीददार कौन?
आशंका जताई जा रही है कि काले कारमानों का यह खिलाड़ी जानवरों के मांस की सप्लाई करता था, लेकिन इसका खरीदार कौन था, यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है। फिलहाल पुलिस फरार आरोपी प्रशांत बिश्नोई की तलाश में दबिश दे रही है।