भोपाल,अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के स्वर्णिम चतुर्भुज योजना को आगे बढ़ाते हुए केंद्र की मोदी सरकार सड़कों के नए प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। इस प्रोजेक्ट का नाम भारतमाला रखा गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत देश के दर्जनों नेशनल हाइवे को फोन लेन किया जाएगा। इसके तहत सड़कों में यू मोड़ नहीं होंगे और ये हाइवे कट फ्री होंगे। इसके तहत 4 से 5 सालों में राष्ट्रीय राजमार्ग के 20 हजार किलोमीटर से यादा का हिस्सा यू-टर्न और कट्स फ्री हो जायेगा। इसके साथ ही हाइवे के दोनों ओर बैरिकेडिंग भी होगी जिससे जानवर हाइवे पर नहीं घुस पाएंगे। मुख्य हाइवेज को इस तरह से तैयार किया जाएगा कि भारी वीइकल्स भी रफ्तार के साथ बिना परेशानी मंजिल तक जल्द पहुंच जाएं। भारतमाला स्कीम के फेज-1 के तहत 3.85 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। दरअसल वर्तमान में इन हाइवे पर स्पीड वाली गाड़ियां को भी कम स्पीड में चलाना पड़ता है। इसके साथ ही दुर्घटना की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। वहीं, यातायात मंत्रालय के अध्ययन के अनुसार जापान के फोर-लेन हाइवे पर एक दिन में करीब 40,000 गाड़ियां चल सकती हैं वहीं, भारत में ऐसे ही हाइवे पर 20,000 गाड़ियां ही चल पाती हैं जिस कारण हाइवे की लेन बढ़ानी पड़ती है। नए हाइवे को बनाने की बजाए पुराने हाइवेज में कुछ बदलाव कर उन्हें अपग्रेड करने का प्रपोजल रोड और यातायात मंत्रालय ने आगे बढ़ाया है। मंत्रालय 20 हजार किलोमीटर को ऐक्सेस कंट्रोल्ड (पहुंच नियंत्रण)करेगी। इस तरह का कॉन्सेप्ट विकसित देशों में अपनाया जाता है। ऐक्सेस कंट्रोल्ड हाइवे में घुसने और निकलने के पॉइंट्स कम होते हैं। अभी हाइवे पर हर छोटी-मोटी जगह पर हाइवे में कट और यू-टर्न होते हैं जिससे गाड़ियों की स्पीड प्रभावित होती है।
– इन हाइवे की पहचान की गई
ऐक्सेस कंट्रोल्ड कॉन्सेप्ट के तहत कुछ हाइवेज की पहचान कर ली गई है। इसमें मुंबई-कोलकाता, मैंगलोर-बेंगलुरु, लुधियाना-कांधला और पोरबंदर से सिलचर को शामिल किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, पीएम ऑफिस ने नैशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) बोर्ड को इस प्रपोजल पर आगे बढ़ने का सिग्नल दे दिया है। इससे पहले इसी मॉडल के तहत बीजेपी शासन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने स्वर्णिम चतुर्भुज की शुरुआत की थी जिसके तहत देश के चार मेट्रो शहरों को जोड़ा गया था।