कोलकाता,कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस सीएस कर्णन ने नई दिल्ली स्थित विमान नियंत्रण प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि मामला खत्म होने तक भारत के प्रधान न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट 7 अन्य जजों को देश के बाहर यात्रा करने की इजाजत नही दी जाए। खबरों के मुताबिक यह आदेश न्यायाधीश कर्णन ने अपने घर रोजडेल टावर्स, न्यू टाउन पर ही शिफ्ट की गई अदालत में पास किया है। इससे पहले 13 अप्रैल को भी जस्टिस सीएस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और 7 जजों को 28 अप्रैल को अपनी अदालत में पेश होने का समन भेजा था। यह समन जस्टिस कर्णन ने अनुसूचित जाति/जनजाति (प्रताड़ना से संरक्षण) अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में जारी किया था। दरअसल उच्चतम न्यायालय के सात जजों ने स्व-संज्ञान लेते हुए फरवरी में जस्टिस कर्णन के खिलाफ अदालत की अवमानना का आदेश जारी किया था। अवमानना का आदेश जनवरी में कर्णन द्वारा 20 जजों को भ्रष्ट बताते हुए उनके खिलाफ जांच की मांग के बाद जारी किया गया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्णन के खिलाफ जमानती वारंट भी जारी किया था। इसके बाद कलकत्ता हाईकोर्ट के जज न्यायाधीश कर्णन 31 मार्च को सर्वोच्च न्यायालय के सामने पेश भी हुए थे। 31 मार्च को हुई सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच के मुताबिक जस्टिस कर्णन के खत से ऐसा महसूस हुआ कि कर्णन प्रधानमंत्री को सीजेआई को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के 20 जजों के खिलाफ लगाए भ्रष्टाचार की शिकायत बिना किसी शर्त वापस लेंगे। हालांकि पीठ के सामने पेश होने से पहले जस्टिस कर्णन ने कहा था कि वो तभी माफी मांगेंगे, जब सुप्रीम कोर्ट उनके न्यायायिक और प्रशासनिक कार्य बहाल करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्णन ने उनके द्वारा लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों पर 4 हफ्ते के अंदर जवाब शपथपत्र जमा करने को कहा था और 1 मई को होने वाली अगली सुनवाई में पेश होने के लिए कहा गया था।