भोपाल, मप्र में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में दो शावकों सहित पिछले दो दिनों में तीन बाघों की मृत्यु हो गई है। शहडोल जिले में शिकारियों द्वारा एक मादा बाघ को बिजली के तार बिछाकर मार दिया गया था। मादा बाघ के शिकारियों द्वारा मारे जाने के तीन दिन बाद तीन शावकों को वन विभाग के अमले द्वारा बचा लिया गया था।
जब बांधवगढ़ रिजर्व के कर्मचारियों ने इन शावकों को पाया ये काफी कमजोर एवं बीमार थे। कर्मचारियों के बेहतर प्रयास के बाबजूद भी दो शावकों को बचाया नही जा सका। घातक पार्वेवायरस के संक्रमण से पीड़ित होने की वजह से दोनों शावकों की मौत कुछ घंटों के बाद हो गई। एक की शनिवार को तथा दूसरे की रविवार को मृत्यु हो गई। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के फील्ड निदेशक मृदुल पाठक ने बताया कि तीसरा शावक भी पार्वोवायरस से पीड़ित है तथा जिन्दगी के लिए संघर्ष कर रहा है। हम उसे बचाने का बेहतर प्रयास कर रहे हैं। मादा बाघ की मौत के बाद अनाथ शावकों को दूध पिलाने के लिए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने सिन्थेटिक (कृत्तिम) शेरनी बनाकर उसमें कृत्तिम निपल लगा दिया है तथा शावकों को बॉटल से दूध पिलाने की व्यवस्था किए हैं। मादा को बिजली के तार से मारने के आरोप में पांच लोगों
को गिरफ्तार कर लिया गया है। मादा बाघ के शव को बरामद कर लिया गया है। बीटीआर के अमले ने देखा कि एक सियार एक जगह पर रेत को हटाने का प्रयास कर रहा है उस जगह की खुदाई करने पर बाघिन का शव मिला था।