भोपाल,मध्यप्रदेश को लगातार पाँचवीं बार भारत सरकार का प्रतिष्ठित कृषि कर्मण पुरस्कार मिला है। वर्ष 2015 16 के लिये यह पुरस्कार गेहूँ उत्पादन की श्रेणी में मिला है। प्रदेश को ट्रॉफी, प्रशस्ति-पत्र और 2 करोड रूपये नगद पुरस्कार मिलेगा। भारत सरकार में कृषि और उद्यानिकी आयुक्त डॉ. एस.के. मलहोत्रा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र में कृषि कर्मण पुरस्कार मिलने की सूचना देते हुए बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों, कृषि विभाग के सभी अधिकारियों और कृषि विकास से जुड़ी सभी संस्थाओं को बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं। लगातार पाँचवीं बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिलने के साथ ही मध्यप्रदेश कृषि उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन गया है। इस वर्ष प्रदेश की कृषि विकास दर 25 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
पारम्परिक रूप से सर्वाधिक गेहूँ उत्पादन वाले हरियाणा और पंजाब को भी मध्यप्रदेश ने पीछे छोड़ दिया है।
गेहूँ उत्पादन में वर्ष 2014-15 के मुकाबले वर्ष 2015-16 में 7.64 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2014-15 में गेहूँ उत्पादन 171.03 लाख टन था, जो 2015-16 में बढ़कर 184.10 लाख टन हो गया है।
किसानों की लगन और कृषि वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों और कृषि विभाग के मैदानी अमले के सहयोग से यह उपलब्धि हासिल हुई है।
प्रदेश में गेहूँ की उत्पादकता बढ़कर 3115 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर हो गई है। पिछले साल यह 2850 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर थी। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर किसानों को कई प्रकार की सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही है। इनमें सिंचाई, विद्युत, तकनीकी परामर्श, ब्याज रहित ऋण, मंडी प्रांगण में उपार्जन की ई-सुविधा मुख्य रूप से परिवर्तनकारी साबित हुई है।
कृषि कर्मण अवार्ड के साथ-साथ प्रदेश के कृषक समाज के प्रतिनिधि के रूप में प्रदेश के 2 सर्वश्रेष्ठ गेहूँ उत्पादक कृषकों, एक पुरुष कृषक तथा एक महिला कृषक को भी पुरस्कार के रूप में सम्मान स्वरूप दो-दो लाख रुपये की नगद राशि का पुरस्कार एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदाय किया जायेगा।