भोपाल, मप्र की राजधानी भोपाल की सदर मंजिल में सोने से बनी पेंटिंग, शौकत महल में पत्थर पर बनी अंगूर की बेल, गौहर महल में साइफन से चलता फव्वारा देख भोपाल हैरिटेज वॉक में शामिल लोग अभिभूत हुए। हमारे भोपाल में इतना सब है यह सब तो हमें पता ही नहीं था ऐसी प्रतिक्रियाएँ, पुरातत्व एवं संग्रहालय मध्यप्रदेश द्वारा विश्व धरोहर दिवस पर भोपाल हैरिटेज वॉक में शामिल हुए प्रतिभागियों से सहज रूप से आ रही थी। वॉक में पूर्व मुख्य सचिव तथा अध्यक्ष मध्यप्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण अन्टोनी डि सा और आयुक्त पुरातत्व श्री अनुपम राजन भी सम्मिलित हुए।
वॉक के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए अनुपम राजन ने कहा कि नई पीढ़ी को हमारी समृद्ध विरासत और अतीत से अवगत कराना हैरिटेज वॉक का प्रमुख उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों से धरोहर के प्रति लोगों में संवेदनशीलता विकसित होती है और इनके संधारण व संरक्षण में परस्पर भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा सकता है। राजन ने बताया कि भोपाल के आसपास तथा प्रदेश के अन्य स्थानों पर विद्यमान ऐतिहासिक महत्व के स्थानों पर व्यवस्थित रूप से हैरिटेज वॉक नियमित रूप से संचालित किए जायेंगे।
वॉक के दौरान राजा भोज द्वारा कोलांस नदी पर बनाए बाँध के आस-पास विकसित हुई बसाहट से लेकर नगर के आगामी ऐतिहासिक विकास क्रम के संबंध में जानकारी दी गई। पुरातत्वविद ने बेगम कुदसिया के स्मरण-पत्रों में आते रानी शॉलमल्ली द्वारा निर्मित विश्वविद्यालय के उल्लेख, कमलापति महल की विभिन्न विशेषताओं जैसे पानी की निकासी, पनचक्की आदि के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बड़े तालाब के किनारे बना हमाम स्थापत्य और अभियांत्रिकी के संगम का बेजोड़ उदाहरण है। वॉक में तालाब से पानी उठाने के लिए बना रहट घाट कैसे रेत घाट हो गया और मांजी ममोला साहब की मस्जिद, लैला बुर्ज के संबंध में भी जानकारी दी गई।
भोपाल की पहली महिला नवाब कुदसिया बेगम द्वारा निर्मित गौहर महल में मिनरल कलर से बनी पेंटिंग और यहॉ बड़े तालाब से आती हवा का आनंद लेने के लिए बनाए गए विशेष डिजायन, सिकंदर जहाँ बेगम द्वारा भवन निर्माण में आरंभ मार्बल के उपयोग, लाल पत्थर और मार्बल से बनी मोती मस्जिद, खुले दरबार के रुप में उपयोग में लाए जाने वाले इकबाल मैदान के संबंध में भी वॉक में चर्चा हुई। शौकत महल में हुए रंगीन काँच के काम तथा इंडो-फ्रेंच स्थापत्य से प्रभावित यहाँ के डिजाइन के संबंध में भी जानकारी दी गई।
हैरिटेज वॉक में बताया गया कि प्लास्टर के लिए चूना, उड़द की दाल, सन की रस्सी, बेल आदि से सामग्री बनायी जाती थी। इसके साथ ही सदर मंजिल में हुए प्लास्टर में शंख, सीप तथा नारियल तेल का उपयोग भी किया गया। हैरिटेज वॉक के दौरान जन-सामान्य ने सदर मंजिल तथा गौहर महल में लाइट एंड साउंड शो आरंभ करने तथा इस प्रकार की वॉक प्रति माह एक सप्ताहांत पर करने की मांग की।