मुंबई, (रमेश ठाकुर द्वारा) महाराष्ट्र में पत्रकारों और मीडिया संस्थानों पर हमला करने वालों की अब खैर नहीं। यह अब गैर जमानती अपराध होगा। बजट सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को उस विधेयक को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी गई जिस में पत्रकारों पर हमले के मामलों में दण्ड का प्रावधान किया गया है।
दोनों सदनों में [ विधानसभा और विधान परिषद में] महाराष्ट्र पत्रकार और पत्रकारीय संस्थान (हिंसक कृत्य व संपत्ति नुकसान अथवा हानि प्रतिबंध) अधिनियम-2017 चर्चा के लिए सदन के पटल पर रखा गया। इस विधेयक को बिना चर्चा के सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
विधेयक के मुख्य बिंदु
ड्यूटी पर रहते हुए पत्रकारों पर किसी तरह की हिंसा करने, पत्रकार अथवा मीडिया संस्थान की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने पर यह कानून लागू होगा। इसके तहत दोषी को 3 साल की सजा 50 हजार रुपए का जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान किया गया है।
पत्रकारों, मीडिया संस्थानों के साथ स्थायी तौर पर और कांट्रैक्ट पर काम करने वाले पत्रकारों पर हमला करना गैरजमानती अपराध माना जाएगा।
हमला करने वाले को पीडि़त के इलाज का खर्च और मुआवजा भी अदा करना होगा। मेडिकल खर्च व मुआवजा न देने की सूरत में इस रकम को भूमि राजस्व बकाया मान कर वसूल किया जाएगा। इस तरह के मामलों की जांच पुलिस उपाधीक्षक और उसके ऊपर स्तर का अधिकारी जांच करेगा। इस कानून का गलत उपयोग करने वालों पर भी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। शिकायत झूठी साबित हुई तो शिकायतकर्ता के खिलाफ भी मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।