नई दिल्ली,गुरूवार को राज्य सभा ने भी जीएसटी बिल को पारित कर दिया,बिल को लोकसभा पहले ही पारित कर चुकी थी। अब राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही पूरे देश में एक समान कर प्रणाली लागू किए जाने का रास्ता साफ हो जाएगा।
इस तरह संसद वस्तु एवं सेवा कर से जुड़े चार विधेयकों को मंजूरी देकर एक पूरे अध्याय का पटाक्षेप कर दियार है। सरकार का कहना है कि नई कर प्रणाली में उपभोक्ताओं और राज्यों के हितों को सुरक्षित रख कृषि पर कर नहीं वसूला जाएगा।
ये विधेयक हुए पारित
राज्यसभा ने केंद्रीय माल एवं सेवा कर विधेयक 2017,एकीकृत माल एवं सेवा कर विधेयक 2017 , संघ राज्य क्षेत्र माल एवं सेवाकर विधेयक 2017 और माल एवं सेवाकर ‘राज्यों को प्रतिकर’ विधेयक 2017 को मंजूरी दी है। गौरतलब है इनके धन विधेयक होने के कारण राज्यसभा में चर्चा ही की जा सकती थी। लोकसभा इसे पहले ही 29 मार्च को मंजूरी दे चुकी है।
क्या कहा वित्त मंत्री ने
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने विपक्ष इस बात को निराधार बताया कि विधेयकों से कराधान के मामले में संसद के अधिकार कम किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि पहली बात तो यह है कि इसी संसद ने संविधान में संशोधन कर जीएसटी परिषद को करों की दर की सिफारिश करने का अधिकार दिया है। जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद पहली संघीय निर्णय करने वाली संस्था है। संविधान संशोधन के आधार पर जीएसटी परिषद को मॉडल कानून बनाने का अधिकार दिया गया।