नई दिल्ली,म्यांमार से आकर जम्मू कश्मीर में रह रहे करीब 10,000 रोहिंग्या मुसलमानों को उनके वतन वापस भेजने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए केंद्र सरकार राज्य सरकार के साथ मिलकर पहचान और वापस भेजने के तरीकों पर विचार कर रही हैं।
म्यांमार से आए यह रोहिंग्या मुसलमान जम्मू और साम्बा जिलों में बस गए हैं। इन लोगों ने भारत आने के लिए तीन रास्ते चुने पहला भारत और बांग्लादेश की सीमा को पार कर भारत आना और दूसरा भारत-म्यांमार के रास्ते या फिर बंगाल की खाड़ी को लांघ कर घुसपैठ की है।
रोहिंग्या मुसलमानों पर केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि के साथ जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बराज राज शर्मा और पुलिस महानिदेशक एसपी वैद्य की बैठक में इसका खाका तैयार किया गया है। इस बीच बैठक जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से जो आंकलन पेश किया गया है। समझा जाता है देश के विभिन्न हिस्सों में करीब 40,000 रोहिंग्या मुसलमान हैं, सभी अवैध तरीके से भारत आए हैं। जिसमें अकेले जम्मू-कश्मीर में दस हजार की संख्या होगी।
दरअसल,रोहिंग्या मुसलमान बौद्ध बाहुल्य म्यांमार में करीब 10 लाख होंगे। जो बांग्लादेश से वहां पहुंचे हैं। जिसकी वजह से वहां की सरकार ने उन्हें नागरिकता नहीं दे रही।