होशंगाबाद,मप्र में बाघों का कुनबा तो लगातार बढ़ रहा है ,लेकिन उनकी मौत क मामले भी सामने आ रहे हैं। शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात में मिडघाट रेलवे ट्रेक पर पानी का सोर्स ढूंढते एक बाघिन ट्रेन चपेट आ गई जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
बाघिन रातापानी अभ्यारण से वहां पहुंची थी। वह मिड घाट रेलवे ट्रेक को क्रास कर दूसरी ओर भोजन-पानी की तलाश में जा रही थी।
उसकी उम्र करीब ढाई साल थी। वह पोल क्रमांक 175/8 के पास हादसे का शिकार हुई। बाघिन के मरने की जानकारी काफी देर से सुबह रेल कर्मचायिों द्वारा वन विभाग को दी गई।
मृत बाघिन का शव परीक्षण कर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
अब फेंसिंग की बात
बाघिन की बात मौत हो जाने के बाद अब वन विभाग के अधिकारी रेलवे ट्रेक के दोनों ओर फैंसिंग लगाने की बात कर रहे हैं। इसके पहले दो साल हुए जब 1 मई 2014 को मिडघाट रेल ट्रेक के पास ही एक बाघ की मौत हुई थी। वह ट्रेन से टकरा कर दो दिनों तक पानी के कुंड के पास पडा रहा था। बाघ की मौत के बाद गर्मी में अभ्यारण में पानी के जल स्रोत बढ़ाने और ट्रेक के पास जाली लगाने की बात वरिष्ठ वन अधिकारी करते रहे हैं,लेकिन अब तक इस बारे में कुछ किया जा सका है नतीजतन तीन बाघ और दो तेंदुए ट्रेन की चपेट में आने से मर चुके हैं।
इनका कहना है
बाघिन पानी के लिए वहां पहुंची थी। ट्रेक क्रास करते समय ट्रेन की टक्कर से उसकी मौत हो गई। अभ्यारण सहित वन मंडल के जंगल में वन्य प्राणियों के लिए पानी डालने का काम शुरू किया जा रहा हैं। जबकि ट्रेक के दोनों ओर फैंसिंग का काम भी शुरू होगा।
बी.के नेमा सीसीएफ भोपाल मंडल