भोपाल,अटेर विधानसभा उपचुनाव से पहले शुक्रवार को ईवीएम मशीन से वोट डालने पर वह भाजपा को जाने का मामला सामने आने पर शनिवार को बवाल खडा हो गया। घमासान के बाद कांग्रेस और आप चुनाव आयोग पहुंच गए और इधर,आयोग ने आनन फानन में भिंड के कलेक्टर एसपी के साथ ही अन्य दर्जन भर लोगों के स्थानांतर के आदेश दिए हैं।
इस पूरे मामले से देश भर का सियासी पारा परवान चढ़ गया और ईवीएम की जगह मत पत्र से मतदान की मांग फिर जोर पकडने लगी है।
केजरीवाल अब कह रहे हैं कि आयोग का यह दावा गलत है कि ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा मशीनों का सॉफ्टवेयर बदल दिया गया है।
कांग्रेस ने आयोग से इस मामले के बाद दिल्ली एमसीडी, गोवा और दूसरे राज्यों के चुनाव में ईवीएम के स्थान पर मतपत्र से वोट मांग की।
केजरीवाल ने कहा कि मैं भी टेक्नॉलजी जानता हूं, आईआईटी पास आउट हूं। मशीनों का सॉफ्टवेयर बदल कर छेडछाड हो रही हैं।
ये है मामला
बांधवगढ़ के साथ अटेर विधानसभा के उपचुनाव होना है। अटेर में ईवीएम का कोई भी बटन दबाने पर कमल निशान को वोट जा रहा था। यह बात तब खुली जब मप्र की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सलीना सिंह ने वीवीपेट मशीन का पत्रकारों के सामने डेमो किया। जिसमें वोट के लिए बटन दबाने पर पर्ची भी निकलती है। डेमो के लिए अधिकारी ने 4 बटन दबाए, पर जो पर्ची निकली उसमें तीन बटन से वोट भाजपा के चुनाव चिन्ह कमल को मिले।
वीवीपीएटी में कोई गड़बड़ी नहीं
इधर,वीवीपीएटी मशीन में गड़बड़ी की बातें सामने आने पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सलीना ने कहा कि मशीनों में कोई गड़बड़ी नहीं है और दोनों स्थानों पर निष्पक्ष चुनाव होंगे। उन्होंने कहा कल मशीन पर कोई ङ्क्षसबल भी नहीं था, वह एक डमी डेमो पीस था।