भोपाल,मप्र में दुराचारियों को मृत्यु दण्ड का प्रावधान किया जा रहा है। इसके विधानसभा के मानसून सत्र में विधेयक लाया जाएगा।
इस आशय की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की है,उन्होंने कहा है कि बालिकाओं के साथ दुराचार करने वाले को मृत्युदण्ड देने का विधेयक विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा। पारित होने के बाद उसे राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। वह आज म.प्र. पुलिस अकादमी में पुलिसकर्मियों के संयुक्त दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में महापौर आलोक शर्मा, अपर मुख्य सचिव गृह के.के. सिंह, पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।
चौहान ने कहा कि पुलिस की सेवा समाज की सुरक्षा का संकल्प हैं। पुलिस सेवा को स्वीकारना देश और समाज के लिए अपनी जिन्दगी को सौंपना है। देश-प्रदेश के विकास की पहली शर्त है कि कानून और व्यवस्था बेहतर हो। यह जिम्मेदारी पुलिस के कंधों पर है। पुलिस की सेवा जनता की सेवा के लिए है। यह जरूरी है कि पुलिस का व्यवहार जनता के लिए फूल सा कोमल, अपराधियों के लिए वज्र सा कठोर हो।
मुख्यमंत्री ने नवदीक्षित पुलिसकर्मियों से कहा कि पुलिस उनकी दूसरी माता है। उसका मान-सम्मान रखना उनका परम कर्त्तव्य है। उसकी लाज बनाए रखने के लिए जरूरी है कि उसकी छवि धूमिल नहीं हो। पुलिस को भ्रमित करने की कोशिशें भी होती हैं, उनसे सावधान सजग और सतर्क रहें। थानों की छवि ऐसी हो कि जनता को वहाँ पर राहत, सुरक्षा और सुकून मिलें। जनता को थाने में आने में झिझक नहीं हो। अपराधी आस-पास फटकने में भी घबराएं। अपराधियों को किसी भी स्थिति में नहीं छोडऩा है। वे देश-समाज के दुश्मन हैं, माफी के योग्य नहीं हैं। पुलिस की आवश्यकताओं को पूरा करने में सरकार का पूरा सहयोग है। पुलिस के 30 हजार नए पद स्वीकृत किए गए हैं। कुल 25 हजार नए पुलिस आवास बनवाये जा रहे हैं। सी.सी.टी.वी. कैमरे और अन्य सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।
मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी के निदेशक सुशोभन बनर्जी ने बताया कि पहली बार पुलिस अकादमियों का संयुक्त दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया है। इस 89वें दीक्षांत समारोह में कुल 633 पुलिसकर्मियों को मुख्यमंत्री ने विभाग में शामिल करने की औपचारिकता पूर्ण की। इनमें सूबेदार, उप निरीक्षक, उप निरीक्षक वि.स.ब.ल. और उप निरीक्षक विशेष शाखा शामिल हैं। इनमें 478 पुरूष एवं 155 महिला पुलिसकर्मी है।