भोपाल, उत्तराधिकार श्रृंखला में रविवार को सुश्री श्रद्धा जैन, मुम्बई द्वारा उपशास्त्रीय गायन तथा सुप्रसिद्ध नृत्यांगना सुश्री राजश्री दास, बैंगलोर एवं सुश्री श्वेता नायक, भिलाई द्वारा भगवान कृष्ण की लीलाओं पर केन्द्रित ‘‘कुिचपुडि़ युगल नृत्य‘‘ का प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ राजेश रेड्डी की गजल ‘रंग मौसम का हरा था पहले …’ से शुरू हुआ। तत्पश्चात ‘वही बाम-ओदर की उदासियां…., होठों पे मोहब्बत के फसाने नहीं आते…,मेरे चेहरे पे जब चेहरा नहीं था…, मुझे फिर वही याद आने लगे हैं… और मुस्कुराये जा रहे हो…. जैसी मशहूर गजलों को छाया नट, मधुवंती, जोग और शुद्ध सारंग जैसे विविध रागों में प्रस्तुत किया । इसके साथ ही इन्हीं रागो पर आधारित बंदिशे पेश की। अंत में दु्रत एक ताल में निबद्ध राग मालकौंस में ताराना की प्रभावी प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके साथ हारमोनियम पर जमीर हुसैन, तबले पर मनोज भाटी, गिटार पर अरशद अहमद और वायलिन पर एम. राशिद ने संगत दी। कार्यक्रम के दूसरे चरण में सुप्रसिद्ध नृत्यांगना राजश्री एवं श्वेता नायक ने गुरू को समर्पित राग तिलंग पर आधारित ‘श्री गणेश शरणम’ की प्रस्तुति दी। तत्श्चात कवि पुरन्दर दास की वात्सल्य रचना पर आधारित कृष्ण की शैशव सौन्दर्यपूर्ण रचना को राग कापि पर अनुपम मुद्राओं से अभिव्यक्त कर दर्शकों को आत्मविभोर कर दिया। तत्पश्चात् वृन्दावन की बसंतोत्सव सहित कंस वध, कालिका मर्दन, गोवर्धन प्र्रसंगों को राग मालिका व ताल आदि पर युगल नृत्यों की मनोहारी और प्रभावी प्रस्तुति दी।