भोपाल,पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेन्द्र पटवा ने अपने विभाग की अनुदान माँगों पर हुई चर्चा के उत्तर में कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में मध्यप्रदेश ने पर्यटन के क्षेत्र में बहु-आयामी प्रगति की है। मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जहाँ पर्यटन केबिनेट का गठन किया गया है। राज्य मंत्री पटवा ने कहा कि वर्ष 2002-03 में 58 लाख पर्यटक आये। इनमें से 96 हजार विदेशी पर्यटक थे। वहीं वर्ष 2016-17 में अभी तक 15 करोड़ 5 लाख पर्यटक आ चुके हैं। इनमें से 3 लाख 63 हजार विदेशी पर्यटक हैं।
पटवा ने बताया कि प्रदेश में विभागीय 72 आवासीय एवं 6 गैर-आवासीय होटल स्थापित हैं। पर्यटन नीति-2016 के अंतर्गत प्रदेश में कहीं भी निवेश करने पर सब्सिडी दी जाती है। पर्यटन नीति में जल पर्यटन एवं ईको पर्यटन पर जोर दिया जा रहा है। भूमि आवंटन की पारदर्शी सरल प्रक्रिया बनायी गयी है। इसके लिये ग्रामीण क्षेत्र में 5 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर एवं शहरी क्षेत्र में भूमि का अतिरिक्त मूल्य प्रति हेक्टेयर तय किया गया है।
राज्य मंत्री पटवा ने कहा कि मध्यप्रदेश पर्यटन को वर्ष 2016 में 5 राष्ट्रीय अवार्ड्स से सम्मानित किया गया है। राज्य मंत्री पटवा ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर का एक मध्यप्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ हॉस्पिटेलिटी ट्रेवल एवं टूरिज्म मैनेजमेंट भोपाल में स्थापित किया जायेगा।
जल पर्यटन
पर्यटन राज्य मंत्री ने कहा कि हनुवंतिया में जल महोत्सव का आयोजन किया गया। इसमें 5 लाख पर्यटक आये। पहली बार प्रदेश में दो केरल हाउस बोट का संचालन किया गया। प्रदेश के शहरों को हवाई सेवा से जोड़ा जायेगा। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा वाइल्ड लाइफ सर्किट के लिये 92.22 करोड़, हेरीटेज सर्किट के लिये 99.77 करोड़ और बुद्धिस्ट सर्किट के लिये 74.94 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं। राष्ट्रीय एवं राज्य मार्गों पर 300 वे-साइड एमीनिटी प्रस्तावित हैं। यह ब्राउनफील्ड, ग्रीन फील्ड और फ्रेंचाइजी मॉडल पर बनाये जायेंगे। हेरीटेज पर्यटन नीति में गोविंदगढ़ एवं ताजमहल को लीज पर दिया जायेगा। मिन्टो हॉल भोपाल में 500 बैठक क्षमता का कन्वेंशन सेंटर बनाया जायेगा।
उन्होंने कहा भोपाल के नवीन सभागृह का निर्माण किया जा रहा है। रवीन्द्र भवन के 24.50 करोड़ की लागत वाले इन नवीन सभागृह की बैठक क्षमता 1000 रहेगी।
पटवा के जवाब के बाद उनके विभाग से संबंतधित 475 करोड़ 59 लाख 46 हजार रुपये की अनुदान माँगों को ध्वनि-मत से पारित कर दिया गया।