भोपाल,मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां बौद्ध धर्मगुरू दलाई लामा से मुलाकात की। चौहान ने उन्हें प्रदेश में आनंद विभाग तथा नदी संरक्षण के लिये चल रही नर्मदा सेवा यात्रा की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रसन्नता बाहर से नहीं अंदर से निकलती है। मध्यप्रदेश में आनंद विभाग ने इस दिशा में गतिविधियों शुरू की है। जिनके पास जरूरत से ज्यादा सामग्री है वो जरूरतमंदों को देने के लिये आनंदम केंद्र बनाये गये है। आनंद उत्सव के तहत खेल कूद और सांस्कृतिक गतिविधियां शुरू की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा नदी मध्यप्रदेश की जीवन रेखा है। यह प्रदेश को पेयजल, सिंचाई और बिजली देती है। इसे पवित्र नदी मानते है। क्षेत्र में पेड़ों के कटने से इसकी धारा कम हो गयी है। नर्मदा सेवा यात्रा में समाज को जागृत कर नर्मदा नदी के दोनों किनारों पर एक हजार किलोमीटर क्षेत्र में वृक्षारोपण किया जायेगा। सीवेज का पानी नर्मदा नदी में नहीं मिले इसके लिये ट्रीटमेंट प्लांट बनाये जायेंगे। नर्मदा नदी को प्रदूषण से बचाने के लिये इसमें पूजन सामग्री नहीं डालने के लिये लोगों को जागरूक किया जा रहा है। आगामी एक अप्रैल से नर्मदा नदी के तटों के ग्रामों में शराब की दुकानें बंद कर दी जायेगी।
भारत की मनोविज्ञान पद्धतियां सबसे उत्तम
दलाई लामा ने कहा कि भौतिक विकास बाहरी है, इसके साथ मन का विकास होना चाहिये। मन में सुख है तो गरीब भी प्रसन्न है और मन में सुख नहीं तो अमीर भी प्रसन्न नहीं है। भारत की मनोविज्ञान की पद्धतियां सबसे उत्तम है। मानसिक सुख चाहते है तो प्राचीन मनोविज्ञान पर ध्यान देना होगा। भारतीय पद्धति में मनोविज्ञान महत्वपूर्ण विषय है। मनोविज्ञान को धर्म का विषय नहीं मानकर शिक्षा पद्धति में सम्मिलित किया जाये। पाश्चात्य वैज्ञानिक भी प्राचीन मनोविज्ञान की ओर आकर्षित हो रहे है। इस तरह की पद्धति भारत में पहले से ही है। प्राचीन समय से भारत में उपस्थित सर्व धर्म समभाव की परम्परा आज के समय में बहुत कारगर है। दलाई लामा ने मुख्यमंत्री चौहान को बुद्ध प्रतिमा भेंट की और आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि गौतम बुद्ध दार्शनिक, विचारक और समाज सुधारक के अलावा भारत के प्राचीन वैज्ञानिक है जो हर बात को तर्क की कसौटी पर कसने की शिक्षा देते है।