भोपाल,दुनिया को शांति का संदेश देने वाले बौद्व धर्म के आध्यात्मिक धर्मगुरू दलाई लामा ने रविवार को कहा कि कुछ धर्मों के कुछ ही लोग दंगा-फसाद कराते हें,लेकिन हमें उस ओर ध्यान नहीं देना चाहिए। भारत के परंपरागत मूल धर्म हिन्दू,बौद्ध,जैन व सिख की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यह सभी आपस में सहयोग व सामंजस्य बनाकर चलते हैं।
यह भारत में एक मिसाल है,क्योंकि सभी धर्म के लोग शांति व भाईचारे से तालमेल के साथ रहते हैं। उन्होंने किसी धर्म का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ धर्मों के कुछ ही लोग दंगे करते हैं,लेकिन उस ओर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए। भारत की इस बारे में तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि यहां सभी धर्मों के सहज ढंग से रहने का माहौल है। इतना ही नहीं भारत मैत्री करुणा और सर्वधर्म समभाव वाला देश है। वह विधानसभा के मानसवोकर सभागृह में आनंदम पर अपना व्याख्यान दे रहे थे।
उन्होंने मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तारीफ करते हुए उनसे प्रभावित होने की भी बात कही। कहा कि उन्होंने हैप्पीनेस मंत्रालय बनाकर बहुत अच्छा काम किया है। अब चाहिए कि इसे और आगे बढ़ाते हुए स्कूल से यूनिवर्सिटी तक पहुंचाए। इसके लिए उन्होंने रिसर्च शुरू कराने की भी सलाह सरकार को दी।
उन्होंने कहा कि खुश रहने और आनंद के साथ जीने के लिए जरूरी है कि व्यक्ति के मन का विकास हो। उन्होंने नर्मदा सेवा यात्रा की तारीफ की और कहा कि यह स्वागत योगय कदम है।
आनंदम केंद्रो का जिक्र करते हुए लामा ने कहा कि यह प्रशंसनीय है कि जो लोग ज्यादा चीजें रखते हैं,वह जरूरतमंदों को आनंदम केंद्र जाकर दे सकते हैं। इसी प्रकार ध्यान, योग, प्राणायाम सरीखे कार्यक्रमों को इससे जोडऩे और भगवान बुद्ध की शिक्षा को पाठशाला के जरिए बच्चों में पहुंचाने के प्रयास की भी उन्होंने खूब तारीफ की।
अपनी मां से जुड़े प्रसंग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मां के बजाय उनके पिता ज्यादा गुस्सा करते थे। इस लिए वह पिता के मुकाबले मां से ज्यादा प्यार करते थे। वही मेरी पहली गुरू भी रही,उन्हीं से करुणा और दया भी सीखी।