गुवाहाटी, असम की रहने वाली नाहिद आफरीन की उम्र अभी सिर्फ 16 साल है,पर उसे 46 मौलवियों के फतवे का शिकार होना पड़ा है। उसका कसूर यह है कि वह गीत-संगीत से लगाव के चलते महज 16 साल की उम्र संगीत को बतौर कैरियर चुनते हुए गाना गा रही है। मौलवियों के फतवे से बेखबर नाहिद आफरीन कहती है,कि वह संगीत को जारी रखते हुए गाना गाती रहेगी।
नाहिद बड़ी दृढ़ता के साथ इस बात पर डटी हुई है कि वह फतवे के आगे ं झुक ने वाली नहीं है,रियाज जारी रखेगी और गाना गाती रहेगी।
वह संगीत को खुदा की देन बता रही है और कहती है कि उसे यह तोहफे के तौर पर खुदा से मिला है। नाहिद ने कहा कि उसे बेगम परवीन सुल्ताना के अलावा नीलिमा खातून,उस्ताद गुलाम अली, राहत फतेह अली खान,जावेद अली, पाकिस्तान के आतिफ असलम, ऐसे बहुत सारे मुस्लिम सिंगर्स हैं जिन लोगों से मुझे बहुत ज्यादा प्रेरणा मिलती है।
दरअसल, 25 मार्च को नाहिद को एक म्यूजिकल नाइट प्रोग्राम में परफॉर्म करना है। इसी का विरोध किया जा रहा है।
उम्र 16 साल और 46 मौलवियों का फतवा
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