नई दिल्ली, लोकसभा में सुकमा में शहीद हुए सीआरपीएफ के 12 जवानों को मंगलवार को श्रद्धांजलि दी गई। यह लोग माओवादी हिंसा का शिकार हुए थे। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा अब आत्मचिंतन और कमियों का पता लगाने का वक्त है। जिससे एैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने सदन को आश्वास्त किया कि अब शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
राजनाथ ने कहा कि सीआरपीएफ डीजी को घटना की विस्तृत जांच का निर्देश दिया गया है,जिससे घटना की तह तक पहुंचा जा सकेगा।
11 मार्च 2017 की घटना पर गृह मंत्री ने कहा कि देश उनके बलिदान को भूलेगा नहीं। उन्होंने घायल जवानों के भी शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उनका कहना था कि सुरक्षा बलों के अभियान की सफलता की वजह से माओवादियों में खलबली है। जबकि 2016 के दौरान सभी नक्सल प्रभावित राज्यों विशेषकर छत्तीसगढ़ में भारी सफलता पाई जहां 135 माओवादी कैडरों को मार गिराया गया, 779 को गिरफ्तार कि या गया तथा 1198 ने हथियार डाले। उन्होंने सीआरपीएफ के शहीद जवानों के परिजनों को 35 लाख रूपए बतौर अनुग्रह राशि, सीआरपीएफ के खतरा कोष से 20 लाख रूपए,सीआरपीएफ के कल्याण कोष से एक लाख रूपए, 25 लाख रूपए की बीमा राशि और छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से तीन लाख रूपए की अनुग्रह राशि देने की बात भी सदन को बताई। उन्होंने शहीद जवानों के परिजनों को सेवानिवृत्ति की आयु तक पूरा वेतन देने का भी ऐलान किया।