भोपाल,प्रश्नोत्तर काल के दौरान सदन में आज उस समय भारी शोर-शराबा हुआ जब प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के जयवर्द्धन सिंह ने प्रदेश में पेट्रल और डीजल पर राज्य सरकार द्वारा लगाए जा रहे टैक्स का मुद्दा उठाया।
उनका कहना था कि मध्यप्रदेश में पेट्रल और डीजल के दाम राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़ और अन्य कई राज्यों से तुलनात्मक स्तर पर अधिक हैं। इस का कारण यही है कि अन्य राज्यों की अपेक्षा मध्यप्रदेश में पेट्रोल और डीजल पर अधिक कर लग रहा है।
उनके इस सवाल पर वित्त मंत्री जयंत मलैया ने कहा कि मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहां राजस्व वसूली के बहुत अधिक संसाधन नहीं हैं।
अन्य राज्यों जैसे दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्, आंध्रप्रदेश आदि में राजस्व एकत्रित करने के लिए अनेक स्त्रोत हैं। हमें न चाहते हुए अधिक कर लगाना पड़ रहा है।
वित्त मंत्री के इस जवाब पर चुटकी लेते हुए जयवद्र्वन सिंह ने कहा कि ट्र्रक एवं अन्य वाहन मध्य प्रदेश में डीजल, पेट्रोल नहीं लेते इस से करोड़ों का नुकसान हो रहा है, यदि इस नुकसान को रोका जाए तो कर की दर कम की जा सकती है।
इस पर वित मंत्री ने कहा कि पड़ोस के राज्यों में दाम कम होने से हमारा नुक्सान हो रहा है यह कहना ठीक नहीं है। उन्होंने सदन को अवगत कराया कि गत वर्ष 3,932 करोड़ रूपए और इस वर्ष जनवरी 2017 तक 4,884 करोड़ रूपए की आय पेट्रल और डीजल से हुई है।
वित् त मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के उप नेता बाला बच्चन के साथ ही विपक्षी सदस्य मुकेश नायक, गोविंद सिंह, रामनिवास रावत एक साथ उठ खड़े हुए। उनका कहना था कि आंकड़े सही नहीं हैं। उन्होंने मांग की कि पेट्रोल-डीजल के दाम कम किए जाएं।
लेकिन वित्त मंत्री ने उनकी मांग मानने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि यह संभव नहीं है। तब शोर-शराबे के बीच विपक्षी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।