भोपाल, आज विधानसभा में उस समय एक बार फिर से शोर-शराबा होने लगा जब सत्तापक्ष के महेश राय ने बीना से देहरी सडक़ के निर्माण का कार्य ग्रामीण पंचायत विभाग के स्थान पर ग्रामीण सडक़ विकास प्राधिकरण से कराये जाने का सवाल उठाया। उनका कहना था कि एक विभाग के कार्य को दूसरे विभाग को क्यों सौंपा गया है।
सत्तापक्ष के वरिष्ठ सदस्य बाबूलाल गौर ने भी महेश राय की बात का समर्थन करते हुए कहा कि ऐसा होना नहीं चाहिए था। इस पर मंत्री लालसिंह आर्य ने अपने जवाब में कहा कि वह संबंधित विभाग को पत्र लिख कर सडक़ निर्माण का कार्य जल्दी कराने के लिए कहेंगे। उन्होंने यह भी आष्वासन दिया कि इस मामले में संबंधित सदस्य से भी चर्चा करेंगे, तब सत्तापक्ष के अन्य सदस्य भी संतुष्ट हुए। हालांकि विपक्ष के वरिष्ठ सदस्य गोविन्द सिंह ने सुझाव दिया कि अधिक समय नहीं लगे इस लिए यह कार्य लोक निर्माण विभाग से ही करा दिया जाए, लेकिन उनके सुझाव को आर्य ने नामंजूर कर दिया।
सत्तापक्ष की संगीता चारेल ने रतलाब से बांसवाड़ा के बीच बनी सडक़ की गुणवत्ता का सवाल उठाते हुए कहा कि सडक़ निर्माण के मापदंडों का उल्लंघन हुआ है। इस सडक़ पर ऐसे खतरनाक मोड़ दिए गए हैं जहां दुर्घटनाओं में लोगों की जान जारही है। उन्होंने इस के लिए उन्होंने सडक़ निर्माण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने और सडक़ पर स्पीड ब्रेकर बनाए जाने एवं विद्युतीकरण की मांग रखी। सामान्य प्रषासन विभाग के मंत्री लालसिंह आर्य ने अपने जवाब में कहा कि परीक्षण करा कर सडक़ निर्माण की खामियों को दूर करेंगे। संगीता चारेल ने सैलाना से रतलाम के 20 किलोमीटर के मार्ग पर वसूल किए जाने वाले टोल टेक्स को समाप्त किए जाने की भी मांग की, लेकिन उनकी इस मांग को आर्य ने स्वीकार नहीं किया।