भोपाल,गुरूवार को विधानसभा में उस समय फिर शोर-शराबे की स्थिति निर्मित हो गई जब सत्तापक्ष के ही सूबेदार सिंह ने लोक निर्माण विभाग के ग्वालियर सम्भाग में गड़बड़ी का मुद्दा सदन में उठाया। उनका कहना था कि इस विभाग के भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ स्थानीय सांसद, विधायक, महापौर और पार्टी के जिला अध्यक्ष तक ने शिकायत की है, लेकिन उस के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उनकी इस बात पर सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्षी सदस्य भी एक साथ खड़े हो गए और संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। इस पर मंत्री लालसिंह आर्य ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए मुख्य अभियंता ग्वालियर को निर्देश दिए गए हैं। एक महिने में जांच पूरी हो जाएगी, जांच के बाद वे संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। उनके जवाब से असंतुष्ट सूबेदार सिंह ने कहा कि अधिकारी के भ्रष्टाचार के प्रमाण मौजूद हैं, यदि जांच ही करानी है तो पहले उस अधिकारी को वहां से हटाया जाए, लेकिन उनकी इस मांग को उन्होंने नामंजूर कर दिया। सत्तापक्ष के कुछ सदस्यों के साथ ही विपक्षी सदस्यों ने भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण देने का सरकार पर आरोप लगाया। विपक्ष के नेता अजयसिंह, रामनिवास रावत और गोविन्द सिंह ने कहा कि अधिकारी को हटा कर जांच नहीं कराना चाहते तो इसका मतलब साफ है कि सरकार भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रही है।