भोपाल,भारत के सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेद महाविद्यालय बनने की दिशा में अग्रसर पं. खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में भविष्य में 14 आयुर्वेद स्नातकोत्तर पाठयक्रम संचालित करने की दिशा में काम किया जा रहा है। वर्तमान में यहाँ 7 स्नातकोत्तर पाठयक्रम संचालित हैं। दो पाठयक्रम और रिसर्च लेब की स्वीकृति केन्द्र शासन से प्राप्त की जा रही है। आयुष, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री रूस्तम सिंह ने यह जानकारी आज संस्थान में क्षारसूत्र चिकित्सा पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए दी।
सिंह ने आयुर्वेद छात्रों को आयुर्वेद चिकित्सा करने का ही संकल्प लेने का आव्हान करते हुए कहा कि विश्व की प्राचीन विधा आयुर्वेद की शरण में लोग तब जाते और ठीक होते देखे गये हैं, जब उन्हें एलोपैथी डॉक्टरों ने जवाब दे दिया हो। सिंह ने छात्रों को आश्वस्त किया कि उन्हें जल्द ही एलोपैथी छात्रों के समान ही शिष्यवृत्ति दिलाने के प्रयास किये जायेंगे। श्री सिंह ने कहा कि कोई साइड इफेक्ट न होने और असाध्य रोगों को जड़ से ठीक करने के कारण आयुर्वेद वैभव लौट रहा है। उन्होंने कहा कि निजी आयुर्वेद चिकित्सक एलोपैथी चिकित्सा न करें और अपने ही विषय में पारंगत होकर रोगियों को ठीक करें।