भोपाल, आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने नर्मदा सेवा यात्रा की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा सबको इससे जुडऩा चाहिए। उन्होंने कहा कि आदि शंकराचार्य को नर्मदा के किनारे गुरु मिले थे। समाज को सहेजने का जैसा काम आदि शंकराचार्य ने वर्षों पहले किया था वैसा ही शिवराज जी आधुनिक समय में कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिवराजजी राजनीति में रहते हुए संतों के काम कर रहे है। वे सबसे सहजभाव से मिलते हैं। अपनेपन के साथ मिलते हैं। उनकी लगन से नर्मदा सेवा यात्रा जन आंदोलन बन गयी है। नदियों को बचाने का काम पवित्र है।
श्री श्री रविशंकर ने कहा कि जहाँ अपनापन हैं वहीं अध्यात्म है। जहाँ औपचारिकताओं से मुक्ति है वहीं अध्यात्म है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का मन विश्वास और स्नेह से भरा है। इसलिये मामा का रिश्ता निभा रहे हैं। ऐसे व्यक्ति ही आनंद मंत्रालय बनाने की पहल कर सकते हैं।
श्री श्री रविशंकर ने कहा कि नशाबंदी के काम में सबका सहयोग लगेगा। उन्होंने साधकों का आव्हान किया कि वे इस काम के लिये एक घण्टा निकालें। एक घण्टे के लिये गाँवों में जायें और लोगों को नशे से दूर रहने के लिये समझायें। बेटी बचाओ अभियान और वृक्ष लगाने के काम से लोगों को जोड़ें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गुरू श्री श्री रविशंकर महाराज पूरी दुनिया को जीने की कला सिखा रहे हैं। जगत के उद्धार में लगे हैं और शांति का संदेश दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि संतों के आशीर्वाद से और नर्मदा सेवा यात्रा के माध्यम से सरकार प्रदेश के उद्धार में जुटी है। नर्मदा के दोनों तटों पर शराब की दुकानें बंद कर दी जायेंगी। उन्होंने कहा कि नशाबंदी सिर्फ कानून बनाकर लागू नहीं हो सकती। लोगों को समझा कर और मार्गदर्शन देकर बंद कराना ज्यादा अच्छा है। इसमें समाज का पूरा सहयोग मिल रहा है।